
जबलपुर। महिला शिक्षिका की तकनीकी अनभिज्ञता का फायदा उठाकर पड़ोसी युवक ने उसका भरोसा जीतकर डेबिट कार्ड और रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर का इस्तेमाल कर खाते से 3.25 लाख रुपए निकाल लिए। शिक्षिका की शिकायत पर राज्य साइबर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर सोमवार रात आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। उसे उच्च न्यायालय के आदेशानुसार फ्रॉड राशि के बराबर बंधपत्र प्रस्तुत करने पर सशर्त जमानत दी गई।
राज्य साइबर पुलिस ने किया गिरफ्तार
शिक्षिका का भरोसा जीतकर युवक ने खाते से निकाले 3.25 लाख रुपए
एसपी अंकित शुक्ला ने बताया के बघराजी कुंडम निवासी मंत्रो उरांव शिक्षिका हैं। पोलीपाथर में भी उनका एक मकान है। बघराजी स्थित पैतृक गांव में उनके पड़ोस में स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर कार्यरत हर्ष शर्मा रहता है। मंत्रो पैसे निकालने आदि में हर्ष की मदद लेती थीं। लॉकडाउन में खाते से पैसे निकाले जाने पर उन्होंने राज्य साइबर सेल में शिकायत की। धारा 420, 419, 66डी, 66सी आईटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।

निरीक्षक हरिओम दीक्षित, एसआई पंकज साहू की टीम ने मामले की जांच शुरू की। बैंक से पता चला कि शिक्षिका के खाते से अलग-अलग तारीख में हर्ष और उसके पिता मुरली शर्मा के खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं। आरोपी ने शिक्षिका के डेबिड कार्ड का उपयोग विभिन्न मोबाइल नम्बर रिचार्ज करने, पेट्रोल भरवाने, बाइक की किश्त चुकाने आदि में किया था। टीम ने सोमवार रात उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से बैंक पासबुक और शिक्षिका का फोन बरामद हुआ।
पूछताछ में खुलासा
हर्ष ने पूछताछ में पिता के साथ मिलकर पैसे निकालना स्वीकार किया। उसने बताया कि उसने शिक्षिका के एटीएम कार्ड की फोटो मोबाइल में सेव कर ली थी। मौका मिलते ही वह एटीएम कार्ड की जानकारी का उपयोग कर रकम अपने पेटीएम अकाउंट में ट्रांसफर कर लेता। ओटीपी की जानकारी वह शिक्षिका से मोबाइल लेकर प्राप्त कर लेता था। इसी बीच शिक्षिका का मोबाइल खराब हो गया। उन्होंने गांव की दुकान में मोबाइल सुधारने के लिए दिया और पोलीपाथर स्थित मकान में रहने लगीं, तभी लॉकडाउन लग गया। उधर, हर्ष ने दुकान से मोबाइल ले लिया और एक हफ्ते में 2.50 लाख रुपए खाते से निकाल लिए। इसका खुलासा तब हुआ, जब शिक्षिका सैलरी सम्बंधी कार्य से बैंक गईं।
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