
जबलपुर। चार पहिया वाहन का लाइसेंस चाहिए, तो आने वाले दिनों में स्वचलित ड्राइविंग टेस्ट देना होगा। इस टेस्ट में पास होने पर ही लाइसेंस मिलेगा। फेल होने वाले आवेदक को एक निश्चित समयावधि के बाद नया अपाइनमेंट मिलेगा। इसके लिए जबलपुर आरटीओ समेत परिवहन आयुक्त के स्तर पर प्रयास शुरू हो गए है। यदि ऐसा होता है, तो एक दिन में 100 से 150 आवेदकों के टेस्ट लिए जा सकेंगे जबकि वर्तमान में प्रतिदिन 20 से 25 टेस्ट हो पाते हैं।
आरटीओ कार्यालय में जल्द ही स्थापित होगा नया ट्रैक
सेंसर और सीसीटीवी कैमरे की मदद से ही हो सकेगा टेस्ट
पहले देना होगा स्वचलित ड्राइविंग टेस्ट, पास हुए तो मिलेगा लाइसेंस
वर्तमान में यह है प्रक्रिया
आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक है। जिसमें अधिकारी स्वयं खड़े होकर आवेदक का टेस्ट लेते हैं। इस प्रक्रिया में जहां समय अधिक लगता है, जिस कारण आवेदकों को कई बार लंबे समय तक लाइसेंस के लिए इंतजार करना पड़ता था।

ऐसी होगी नई प्रक्रिया
नए ट्रैक पर अत्याधुनिक डिवाइस लगाई जाएंगी। बायोमेट्रिक पहचान पूरी करने के बाद आवेदक को टेस्ट देने दिया जाएगा। ट्रैक पर किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की आवश्यकता नहीं होगी। ट्रैक पर लगे सेंसर और सीसीटीवी कैमरे की मदद से टेस्ट लिया जाएगा और उसकी पूरी रिकार्डिंग की जाएगी। इस दौरान कंप्यूटर द्वारा ऑटोमैटिक आवेदक को विभिन्न निर्देश दिए जाएंगे जिन्हें पूरा करना होगा। इस प्रक्रिया में पास होने के बाद ही आवेदक को लाइसेंस दिया जाएगा। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मुकेश जैन ने बताया कि हाल ही में सीआईआरटी पुणे के तकनीकी सलाहाकारों से बातचीत की गई है। कुछ ही माह में यह ट्रैक बनकर तैयार हो जाएगा। इसके साथ ही वाहनों की फिटनेस की प्रक्रिया को भी पूरी तरह से ऑनलाइन किए जाने की कार्ययोजना बनाई गई है। इस पर भी कार्य किया जा रहा है।
आरटीओ कार्यालय परिसर में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक है। इसी पर सेंसर, सीसीटीवी व अन्य उपकरण लगाकर तैयार किया जाएगा। जिसके बाद लाइसेंस टेस्ट की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी और अधिकारियों कर्मचारियों की आवश्यकता नही पड़ेगी।
- संतोष पॉल, आरटीओ
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