
हरे भरे क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों का आईक्यू लेवल तेजी से बढ़ता है। ऐसे माहौल में रहने वाले बच्चे काफी समझदार होते हैं और बुरा बर्ताव भी नहीं करते। बेल्जियम की हासेल्ट यूनिवर्सिटी द्वारा की गई स्टडी में यह निष्कर्ष निकाला गया है। दरअसल, इस बात के प्रमाण पहले से है कि हरा रंग बच्चों के विकास में किस तरह से सहायक होता है। लेकिन इसे परखने के लिए पहली बार इस तरह की स्टडी की गई। बच्चों में आईक्यू की जांच के लिए 10 से 15 साल के 620 बच्चों पर अध्ययन किया गया।
हरियाली ज्यादा होने पर औसत से 2.6 अंक ज्यादा मिला आईक्यू
हरियाली की सेटेलाइट इमेज लेकर की गई स्टडी में पता चला कि जिन बच्चों के आसपास हरियाली ज्यादा है, उनका आईक्यू औसत से 2.6 अंक ज्यादा है। यहां ना केवल तनाव का स्तर कम था, बल्कि बच्चों की शारीरिक गतिविधि भी ज्यादा और वातावरण भी शांत था। पर्यावरणीय महामारी विज्ञान के प्रोफेसर टिम नॉरो ने कहा हरियाली वाले क्षेत्र में रहने वाले बच्चों का आईक्यू स्कोर 105 था, लेकिन हमने पाया कि 80 से कम स्कोर वाले बच्चों में 4 फीसदी बच्चे हरियाली के निम्न स्तर वाले क्षेत्रों में बड़े हुए हैं। सामान्य तौर पर आईक्यू 90 से 110 के बीच में होता है। 125 से 130 होने पर बच्चे को होशियार माना जाता है।
पैरेंटिंग का अहम योगदान
पर्यावरण मनोवैज्ञानिक डॉ मेथ्यू व्हाइट ने कहा कि बच्चे की बुद्धिमत्ता और कार्य कौशल पर जींस और माहौल दोनों का गहरा प्रभाव पड़ता है। खासकर जब बच्चे का मस्तिष्क का आकार ले रहा होता है, नई चीजें ग्रहण करने के लिए सबसे ज्यादा एक्टिव रहता है। इसमें पैरेंटिंग का अहम योगदान होता है। बच्चे का आईक्यू बढ़ाने के लिए पैरेंट्स का फॉर्मल रूप से पढ़ाना जरूरी नहीं है। ज्यादा जरूरी है उनके लिए सही और प्रेरक माहौल तैयार करना, ताकि बच्चा नई चीजें सीखने और उन्हें तेजी से ग्रहण करने के लिए प्रेरित हो।
विशेषज्ञ बोले- हरियाली,खुले माहौल में रहने वाले बच्चे उग्र कम होते हैं
क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर पल्लवी जोशी का कहना है कि हरियाली और खुले वातावरण में रहने वाले बच्चे अपेक्षाकृत कम उग्र होते हैं। बेल्जियम में सूर्य की रोशनी कम आती है, इसलिए वहां डिप्रेशन ज्यादा होता है। ऐसे में यह संभव है कि वहां के बच्चों में हरियाली में रहने पर आईक्यू ज्यादा होता है।
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