वार्डन की चयन प्रक्रिया हाइकोर्ट ने की स्थगित

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने कस्तूरबा हॉस्टल, बड़ा मलहरा, बिजावर व ईशानगर छतरपुर में स्थित छात्रावासों के वार्डन की चयन प्रक्रिया अंतरिम आदेश के जरिए स्थगित कर दी। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की सिंगल बेंच ने मामले पर यथास्थिति का निर्देश देकर राज्य सरकार व अन्य से जवाब-तलब किया। छतरपुर निवासी माला गुप्ता, रजनी गोंड व अनिल देवी की ओर से अधिवक्ता विकास महावर ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए तर्क दिया कि राज्य सरकार व राज्य शिक्षा केंद्र के 11 अगस्त 2017 के सर्कुलर के अनुसार वार्डन के पद का चार्ज तीन वर्ष के लिए दिया जा सकता है। याचिकाकर्ताओं का चयन इसी सर्कुलर के अनुसार 2018 में किया गया। लेकिन पूर्व में पदस्थ वार्डन ने उक्त सर्कुलर को याचिका के जरिए चुनौती दे दी । उस याचिका पर सुनवाई के बाद स्थगन आदेश दिया। इस वजह से याचिकाकर्ता वार्डन का पदभार ग्रहण नहीं कर पाईं। 2019 में जब पूर्व पदस्थ वार्डन की याचिका खारिज कर दी गई, तब जाकर याचिकाकर्ताओं ने पदभार ग्रहण किया। लेकिन उनके पदभार संभालने के महज 6 माह बाद वार्डन पद के लिए नए सिरे से चयन प्रक्रिया शुरू कर दी गई। यह सर्कुलर और नियमों का उल्लंघन है। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने यथास्थिति का निर्देश देकर सरकार से जवाब मांगा।



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