MP में किसान ही नहीं, कृषि वैज्ञानिक भी आंदोलन की राह पर, जानें क्या है वजह...

जबलपुर. MP में किसान ही नहीं, कृषि वैज्ञानिक भी आंदोलन की राह पर हैं। प्रदेश सरकार से नाराज कृषि वैज्ञानिकों ने आंदोलन की रणनीति बनानी शुरू कर दी है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री से लेकर कृषि मंत्री तक से कई बार फरियाद कर चुके लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में अब आंदोलन ही विकल्प बचता है।

दरअसल ये कृषि वैज्ञानिक सातवें वेतनमान की मांग कर रहे हैं। उनकी मांग पूरी न होने से वो सरकार से नाराज हैं। उनका कहना है कि अपनी मांग को लेकर वो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर कृषि मंत्री कमल पटेल समेत कृषि विभाग के अधिकारियों से लगातार सातवें वेतनमान की मांग कर रहे हैं। सभी को ज्ञापन तक सौंपा, लेकिन अब तक उनकी मांगें नहीं सुनी गईं।

ऐसे में प्राध्यापकों और वैज्ञानिक परिषद के पदाधिकारियों का आरोप है कि सातवां वेतनमान दिए जाने के संबंध में उन्होंने वस्तु स्थिति से लगातार अवगत कराया, फिर भी अब तक कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों व प्राध्यापकों को सातवें वेतनमान से वंचित रखा गया है। वहीं दूसरी ओर अन्य विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों को सातवें वेतनमान के अलावा उनके एरियर की तीसरी किस्त भी प्रदान कर दी गई। इससे नाराज कृषि विश्वविद्यालय के प्राध्यापक और वैज्ञानिक परिषद के पदाधिकारियों ने दोबारा मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें इस समस्या से अवगत कराया और ज्ञापन सौंपा।

सातवां वेतनमान न मिलने से नाराज विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक और प्राध्यापक, बड़े आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं। सरकार तक अपनी बात पहुंचाने को सभा का आयोजन किया जा रहा है। प्रधापक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने कहा कि अब अपनी मांगों के लिए सड़कों पर उतरने का समय आ गया है। जल्द ही हम आंदोलन को उतरेंगे। केंद्रीय वैज्ञानिक- प्राध्यापक परिषद के अध्यक्ष डॉ एस के पांडेय, कोषाध्यक्ष डॉ केके अग्रवाल, प्रचार सचिव डॉ शेखर सिंह बघेल, क्षेत्रीय वैज्ञानिक परिषद के अध्यक्ष डॉ एमएल केवट, सचिव डॉ अमित कुमार शर्मा, प्रचार सचिव डॉ बीएस द्विवेदी, डॉ अल्पना सिंह और विभागाध्यक्ष प्राध्यापक, वैज्ञानिकों ने मांग पूरी न होने पर नाराजगी जताई है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://bit.ly/30BRtZS
#jabalpur

Post a Comment

0 Comments