
राहुल मिश्रा@जबलपुर। मध्यप्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी, जबलपुर की ब्यौहारबाग स्थित इमारत में 22 फरवरी 2020 से बांग्लादेश के 40 जजों के लिए सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह पहला अवसर था जब अकादमी द्वारा राज्य के बाहर के विदेशी जजों को भारतीय न्याय-व्यवस्था से परिचित कराने का सौभाग्य हासिल हुआ। इस अभूतपूर्व आयोजन को लेकर अकादमी में खासा उत्साह देखने को मिला। कार्यक्रम के दौरान सप्ताह भर अकादमी के बाहर-भीतर उत्सव सा माहौल नजर आया। मध्यप्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी, जबलपुर के डायरेक्टर रामकुमार चौबे ने बताया कि 40 विदेशी जजों को एक साथ प्रशिक्षण के लिए समुचित इंतजाम किए गए थे । पड़ोसी देश के न्यायाधीश भारतीय न्याय-व्यवस्था के मूलभूत बिन्दुओं को जानकार पहले ही दिन खासे उत्साहित नजर आए।
मध्यप्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी का प्रशिक्षण रथ लॉकडाउन के दौरान भी चलता रहा। अकादमी ने राष्ट्रीय स्तर पर जारी लॉकडाउन के मद्देनजर 155 नव नियुक्त सिविल जजों (प्रवेश स्तर) के प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल संचालन ऑनलाइन वीडियो कॉन्फे्रंसिंग के जरिए किया।
चार सप्ताह का प्रशिक्षण सत्र
प्रशिक्षण का पहला चरण 24 मार्च को निर्धारित किया गया था, हालांकि, कोरोना के प्रकोप के कारण उसे टाल दिया गया। उसके बाद लगातार जारी लॉकडाउन के कारण अकादमी ने ऑनलाइन प्रशिक्षण का फैसला लिया। नया कार्यक्रम मात्र चार सप्ताह के लिए निर्धारित किया गया। जबकि एनजेएसी ने 12 महीने का प्रशिक्षण अवधि निर्धारित कर रखी है।
प्रोटेम स्कीम से हुई ट्रेनिंग
अकादमी ने जजों की ट्रेनिंग के लिए एक ‘प्रो-टेम स्कीम’ तैयार की, जिसका अनुमोदन तत्कालीन चीफ जस्टिस एके मित्तल ने किया। इसके तहत 11 मई से 12 जून, 2020 के बीच दूरसंचार के अन्य तरीकों के साथ ऑनलाइन व्याख्यानों के जरिए प्रश?िक्षण दिया गया । यह स्कीम केवल 2019-2020 (2020 बैच) में नियुक्त सिविल जज (प्रवेश स्तर) के लिए तैयार की गई थी।
लाइव लेक्चर का सीधा प्रसारण
ऑनलाइन प्रशिक्षण की सामग्री और विषय सिविल जजों की इंडक्शन ट्रेनिंग के लिए निर्धारित प्रमुख योजना के अनुसार रखे गए। ऑनलाइन व्याख्यान प्रो-टेम स्कीम के तहत प्रशिक्षण की विधि ऑनलाइन लेक्चर, लिखित सामग्री का ऑनलाइन प्रदर्शन और प्रेक्टिकल एक्सरसाइज की गई। पाठ्यक्रम की सामग्री के अनुसार अकादमी की वेबसाइट के माध्यम से लाइव लेक्चर दिए गए और इनकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी प्रतिभागी न्यायाधीशों को उपलब्ध कराई गई।
ई मेल का भी सहारा
प्रिंसिपल स्कीम के अनुसार प्रश्नावली, व्यावहारिक समस्याएं और एक्सरसाइज आदि प्रतिभागियों को हर दिन ईमेल के माध्यम से दिए गए। पठन और अध्ययन सामग्री को, आधिकारिक वेबसाइट के अलावा, प्रतिभागियों के साथ ईमेल और दूरसंचार के अन्य माध्यमों के जरिए साझा किया गया।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://bit.ly/3sVbOFD
#jabalpur
0 Comments