
जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने एक अहम आदेश मे कहा कि कौन सरकारी अधिकारी या कर्मी कहां तैनात किया जाएगा, यह राज्य सरकार के विवेकाधिकार पर निर्भर है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता को कोई शिकायत हो तो वे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग आयुक्त को अभ्यावेदन दें। कोर्ट ने इस मत के साथ सीधी जिले के रामपुर नैकिन के बीएमओ (ब्लॉक मेडिकल ऑफीसर) डॉ संदीप भगत के खिलाफ दायर याचिका निराकृत कर दी। सीधी जिला निवासी पूर्व जनपद पंचायत सदस्य बसन्त मिश्रा की ओर से यह जनहित याचिका दायर की गई। कहा गया कि रामपुर नैकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉ संदीप भगत को बीएमओ बनाया गया है। जबकि वे इस पद के योग्य नही हैं। उनकी जगह किसी सक्षम और निपुण चिकित्सक की इस जिम्मेदारी के पद पर नियुक्ति की जाए। सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता अंकित अग्रवाल ने याचिका का विरोध किया। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका का निराकरण करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता को डॉ भगत से कोई शिकायत है तो वे स्वास्थ्य विभाग कमिश्नर के समक्ष जाएं।
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