कहने को शहर में रहते हैं, सुविधाएं गांवों के बराबर भी नहीं

 

यह है स्थिति
-225 से ज्यादा अवैध कॉलोनी हैं नगर में
-194 अधिसूचित अवैध कॉलोनी हैं
-4.50 हजार के लगभग आबादी निवासरत
जबलपुर। घरों के सामने बजबजाती गंदगी। लकड़ी के खम्भे और बांस-बल्लियों में लटके बिजली के तार, सड़कों के स्थान पर पगडंडी नुमा गलियां, ये तस्वीर जबलपुर शहर की दो सौ से ज्यादा कॉलोनियों की हैं। अवैध कॉलोनी का ठप्पा लगा होने के कारण इन कॉलोनियों में निवारसत लाखों लोगों को सड़क, बिजली, पानी, ड्रेनेज सिस्टम की मूलभूत सुविधा भी नहीं मिल पा रही है। वे नगर निगम को कर का भुगतान तो करते हैं लेकिन जब बारी विकास कार्यों की आती है तो जवाब मिलता है कॉलोनी अवैध है। अवैध कॉलोनियों को नियमित करने व कालोनाइजर के विरुद्ध कार्रवाई करने को लेकर प्रदेश सरकार के निर्णय से इन कालोनियों के बाशिंदों को दिन फिरने की आस जगी है।

31 दिसंबर 2016 के पहले अस्तित्व में आई दो सौ के लगभग कॉलोनियों को नियमितिकरण के योग्य पाया गया था। निगम प्रशासन ने अगस्त 2017 में कॉलोनियों की सूची के साथ नियमितिकरण के लिए अधिसूचना जारी की थी। लेकिन बाद में मामला अटक गया। 2018 में सरकार बदलने पर फिर प्रयास शुरू हुए। लेकिन मामला कोर्ट में चला गया था। किसी भी कॉलोनी को विकसित करने के लिए कालोनाइजर के पास लायसेंस होना आवश्यक होता है। डेवलपर को मास्टर प्लान, टाउन एंड कं ट्री प्लानिंग की गाइड लाइन का पालन करना होता है। इसके साथ ही नगर निगम से नक्शा पास कराना आवश्यक है। लेकिन ज्यादा मुनाफा कमाने की जुगत में नियमों को ताक पर रखकर मनमाने तरीके कॉलोनियां तान दी जाती हैं जो अवैध की श्रेणी में आ जाती हैं।

आशियाने का सपना संजोए लोगों का प्रयास होता है उनका अपना एक घर बन जाए। आम आदमी को नहीं मालूम होता है की कौन सी कालोनी अवैध है। डेवलपर की लोक लुभावन बातों में आकर वह अपनी जीवनभर की कमाई प्लाट या भवन खरीदने में लगा देता है। लेकिन जब कई साल बाद भी उसे सड़क, बिजली, पानी से लेकर ड्रेनेज के लिए समस्या का सामना करना पड़ता है।
सबसे ज्यादा अवैध कॉलोनी यहां
नगर के पुरवा, गढ़ा, कजरवारा, नयागांव, पोलीपाथर, गुरैया, ग्वारीघाट, रामपुर, बेतला, माढ़ोताल, सगड़ा, भड़पुरा, बिलहरी, गोहलपुर, लक्ष्मीपुर, रानीपुर, अधारताल, करियापाथर, मानेगांव, चावनपुर, कछपुरा, गोरखपुर, महाराजपुर, सुहागी, करमेता, कठौंदा, रमनगरा, बसहा, कचनारी, अंधुआ, बिलपुरा, छीतापुर, कुदवारी, चाटी, अमखेरा, गुरदा, रिमझाा, बिलहरी।



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