
जबलपुर. इतना घिनौना काम, महिलाओं की तस्करी से जुड़ा जबलपुर का कनेक्शन। ये संस्कारधानी जबलपुर है जहां सैकड़ों साल पुरानी सांस्कृतिक विरासत की बातें की जाती हैं। वहीं महिलाओं की तस्करी का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। ऐसे दो मामलों में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस ने केस फाइल करने के साथ ही तफ्तीश शुरू कर दी है।
पुलिस की प्रारंभिक छानबीन में पता चला है कि आरोपी तीन महिलाओं को कोटा बेचने के लिए ले गए थे। एक को 2.80 लाख रुपए में तो दूसरी को 70 हजार रुपए में बेच दिया। 23 वर्षीय विवाहित युवती को उसके सांवले रंग ने बिकने से बचा लिया। पीड़ित महिलाओं में एक ने मदनमहल में रेप व मानव तस्करी सहित अन्य संगीन धाराओं में तो दूसरी ने ग्वारीघाट में मानव तस्करी का प्रकरण दर्ज कराया है।
बताया जा रहा है कि मऊगंज रीवा निवासी 31 वर्षीय महिला शहर में भूकंप कॉलोनी में रहकर छोटी लाइन स्थित बासू होटल में रोटी बनाने का काम करती थी। महिला की शादी 15 साल पहले हुई थी, लेकिन पति मारपीट करता था। पति के व्यवहार से तंग आकर महिला ने शादी के तीन वर्ष बाद ही पति को छोड़ दिया। उसका एक 12 साल का बेटा है। अभी वह नानी के घर मऊगंज रीवा में है। होटल में उसे मजदूरी के तौर पर 200 रुपए मिलते थे।
पीड़ित के अनुसार बासू होटल के मैनेजर अनिल बर्मन ने अपनी पत्नी ज्योति से परिचय कराया था। ज्योति भी उसी होटल में काम करती थी। नवंबर 2020 में अनिल बर्मन ने पीड़ित से कहा कि कब तक 200 रुपए में काम करती रहोगी, चलो कोटा वहां अच्छा पैसा मिलेगा। 20 जनवरी 2021 को ज्योति ने उससे कहा कि वह अपने बेटे को अपनी मां के पास भेज दे। कोटा में काम संभल जाने के बाद उसे बुला लेना। महिला ने रिश्तेदार अमर कुशवाहा के साथ बेटे को मऊगंज रीवा भेज दिया। 25 जनवरी को अनिल की पत्नी ज्योति ने उसे जबलपुर के तीन पत्ती चौराहे पर बुलाया और अपने घर ले गई। अगले दिन यानी 26 जनवरी को ज्योति उसे कोटा ले गई। वहां अनिल बर्मन और ग्वारीघाट निवासी शालिनी जैन (23), परसवाड़ा निवासी संतोषी मराठा मिली।
कोटा से सभी पीड़ितों को बूंदी निवासी सुरेश सिंह ठाकुर के घर ले गए। वहां बलशाखा राजस्थान निवासी जमुना शंकर उसे देखने के लिए सुरेश ठाकुर के घर आया। पीड़ित को देखकर जमुना शंकर बोला कि मुझे सौदा पसंद है, तब उसे पता चला कि काम दिलाने के बहाने उसका सौदा करने लाए हैं। उसे जमुना शंकर ने 2.80 लाख रुपए में खरीद लिया। रुपया उसने सुरेश ठाकुर को दिए। अपना कमीशन काटने के बाद सुरेश ने शेष रकम अनिल, संतोषी मराठा, ज्योति बर्मन को दे दी।
पीड़ित के मुताबिक वह गिड़गिड़ाती रही कि उसे गलत काम में मत डालो। इस पर आरोपियों ने धमकी दी कि जैसा जमुना शंकर बोल रहे हैं करो अन्यथा जान से मार देंगे और किसी को पता भी नहीं चलेगा। उसके 12 साल के बेटे को भी मारने की धमकी दी। डर और मजबूरी में वह जमुना शंकर के साथ बलशाखा गांव चली गई।
पीड़ित के मुताबिक जमुना शंकर के साथ बलशाखा में वह 40 दिन रही। वह पूरे घर का काम कराता था। उसे घर के बाहर जाने की मनाही थी। जमुना शंकर घर में ताला लगाकर ही बाहर जाता था। हर रात उसके साथ रेप होता था। वह घर उसके लिए खुली जेल थी, जिसमें उसे घर के अंदर ही घूमने की आजादी थी। इसके चलते वह तनाव में आ गई। उसने खाना-पीना छोड़ दिया। उसने जमुना शंकर को विश्वास में लिया। बोली कि एक बार बेटे के पास भेज दो। बेटे से मिलकर उसे भी अपने साथ लेकर लौट आऊंगी। जमुना शंकर ने छह मार्च को उसे कोटा ट्रेन में बैठाया। यहां सात मार्च को वह पहुंची।
कोटा में मुलाकात के दौरान शालिनी जैन ने पीड़ित को अपने पति संजय जैन का मोबाइल नंबर दिया था। जबलपुर पहुंच कर पीड़ित संजय जैन के घर पहुंची। वहां उसने आपबीती सुनाई। पीड़ित ने ये भी बताया कि आरोपी उसकी पत्नी शालिनी जैन को भी बेचने कोटा ले गए हैं। उसके सांवले रंग के चलते उसका सौदा नहीं हो पाया।
शालिनी की नानी का घर खारीघाट में है। परसवाड़ा भूकंप कॉलोनी निवासी संतोषी मराठा शालिनी को कोटा में मजदूरी दिलाने का झांसा लेकर 22 जनवरी को ले गई थी। शालिनी ने नानी सोनाबाई से झूठ बोला था कि वह कपड़े लेने जा रही है। इसके बाद वापस नहीं लौटी। 28 जनवरी को सोनाबाई ने उसकी गुमशुदगी ग्वारीघाट में दर्ज कराई थी। 11 मार्च को शालिनी जैन का भी पता चला, तब उसने आपबीती सुनाई।
शालिनी ने खुलासा किया है कि आरोपियों ने ज्योति नाम की युवती को भी 70 हजार रुपए में सुरेश सिंह ठाकुर के माध्यम से राजस्थान में किसी को बेचा है। अभी वह दस्तयाब नहीं हो पाई है। शालिनी का भी सौदा हो गया होता, लेकिन उसके सांवले रंग ने उसे बिकने से बचा लिया।
ग्वारीघाट पुलिस ने मामले में अनिल, उसकी पत्नी ज्योति व संतोषी मराठा को हिरासत में लिया है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि अनिल मूलत: सिहोरा का रहने वाला है। वह बासू होटल में मैनेजर है। वर्तमान में अली मंसूरी का मकान कटरा अधारताल में पत्नी ज्योति बर्मन के साथ रह रहा है। एक वर्ष पहले अनिल बूंदी का किला घूमने गया था।
उसी दौरान उसकी सुरेश सिंह ठाकुर से मुलाकात हुई थी। तब सुरेश ने अनिल को बताया कि राजस्थान में शादी के लिए लड़कियां नहीं मिलती हैं। यदि वह जबलपुर से लड़कियां लाए तो उसे भी अच्छी खासी रकम मिल जाएगी। इसके बाद अनिल ने जबलपुर से कई गरीब युवतियाें व महिलाओं को वहां बेचा है। पूछताछ में और खुलासे की उम्मीद है। आरोपी संतोषी बैरागी भी कटरा अधारताल में ही अली मंसूरी के मकान में रह रही है।
शालिनी के बयान पर ग्वारीघाट पुलिस ने अनिल बर्मन (28), उसकी पत्नी ज्योति बर्मन, परसवाड़ा संजीवनी नगर निवासी संतोषी बैरागी और बूंदी कोटा राजस्थान निवासी सुरेश सिंह ठाकुर व अन्य के खिलाफ 370, 370 क, (2) 511, 34 का प्रकरण दर्ज किया है। वहीं 31 वर्षीय दूसरी पीड़िता ने मदनमहल थाने में अनिल बर्मन, उसकी पत्नी ज्योति बर्मन, संतोषी मराठा, कोटा बूंदी निवासी सुरेश सिंह ठाकुर और 2.80 लाख रुपए में उसे खरीदने वाले जमुना शंकर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
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