सुरंग रोधी वाहन का उत्पादन अब तेजी पकड़ेगा

 

जबलपुर। सुरंगरोधी वाहन (एमपीवी) का उत्पादन तेज करने के लिए जबलपुर के वीकल फैक्ट्री प्रशासन ने हर दिन एक वाहन तैयार करने का लक्ष्य तय किया है। इस माह करीब 25 एमपीवी सेना को सौंपे जाने हैं। इनमें से एक दर्जन वाहन तैयार कर लिए गए हैं। वीएफजे प्रशासन ने वाहन के नियमित उत्पादन के लिए भी योजना बनाई है। वीएफजे में बनाए जा रहे सुरंगरोधी वाहन विभिन्न तकनीक से लैस और पहले से ज्यादा ताकतवर हैं। सेना ने भी सभी मापदंड तय कर वाहन का खाका वीएफजे को दिया है। उसी के अनुरूप एमपीवी का उत्पादन हो रहा है। वर्तमान में टेस्टिंग ट्रैक पर एलपीटीए और स्टालियन से ज्यादा सुरंगरोधी वाहनों का परीक्षण हो रहा है। फैक्ट्री सूत्रों के अनुसार 50 से ज्यादा सुरंगरोधी वाहन लगभग तैयार हैं। काम पूरा होते ही उन्हें भी डिस्पैच किया जाएगा। इस काम से फैक्ट्री के 150 से अधिक कर्मचारियों को फायदा हो रहा है। उन्हें पीस वर्क के साथ ओवर टाइम (ओटी) भी मिल रहा है।
गश्त में उपयोगी
सुरंगरोधी वाहन गश्त के लिए बहुत उपयोगी है। कई बार आतंकी और नक्सली जमीन में बारूदी सुरंग बिछा देते हैं। सेना का वाहन जब उस पर से गुजरता है तो विस्फोट से वाहन को भारी क्षति होती है। इस तरह की घटनाओं से बचाव में यह सुरक्षा कवच का काम करता है। एमपीवी में फायरिंग पोर्ट भी बने हुए हैं। ऐसे में हमला होने पर जवाबी कार्रवाई आसान है। वीएफजे के संयुक्त महाप्रबंधक राजीव कुमार ने बताया कि एमपीवी का उत्पादन तेज करने के लिए रणनीति के तहत काम काम किया जा रहा है। 31 मार्च तक 25 वाहन डिस्पैच करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए प्लांट में हर दिन एक वाहन तैयार किया जा रहा है।



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