
जबलपुर। समर्थन मूल्य पर उपज की खरीदी के लिए जबलपुर जिले के करीब 712 किसानों का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है। एसडीएम और तहसीलदारों के गए सत्यापन में सामने आया कि इन किसानों ने नियमों के विपरीत पंजीयन कराया था। पंजीकृत रकबे में 5 हजार 838 हेक्टेयर क्षेत्रफल घटा दिया गया है। ज्यादा प्रकरण सिकमी से जुड़े हैं। इसका एक निर्धारित रकबा है, लेकिन इससे ज्यादा रकबे वाले सिकमीधारी किसानों ने पंजीयन कराया था। जिले में गेहूं की खरीदी के लिए 63 हजार 354 किसानों ने पंजीयन कराया था। 9 हजार 993 किसानों ने चना, 1 हजार 297 ने मसूर तथा 129 किसानों ने सरसों की खरीदी के लिए पंजीयन कराया था। इनमें गेहूं की खरीदी के लिए करीब 43 हजार 860 किसानों का सत्यापन किया गया। इनमें से 700 किसानों का पंजीयन निरस्त किया गया। रकबा भी घट गया है। इनमें सबसे ज्यादा किसान शहपुरा और कुंडम तहसील के हैं। सत्यापन को चार मापदंडों पर किया गया था। इसमें पहला, जिनका रकबा पिछले वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत ज्यादा बढ़ा हो। दूसरा, एमपी किसान ऐप या उपार्जन ऐप से पंजीयन, तीसरा सिकमी पंजीयन और चौथा जिनकी जमीन चार हेक्टेयर से अधिक है। पहली श्रेणी में 4 हजार 909 किसान, दूसरी में 20 हजार 171, तीसरी में सात हजार 310 और चौथी श्रेणी के 10 हजार 513 किसानों का पंजीयन किया गया है।
सत्यापन की अंतिम स्थिति
तहसील--सत्यापन--निरस्त
मझौली 10019 49
पाटन 9580 74
सिहोरा 6846 11
शहपुरा 6216 280
पनागर 5875 69
जबलपुर 3005 32
कुंडम 937 179
गोरखपुर 517 00
अधारताल 337 18
रांझी 185 00
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