
जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद बोस की 125 वीं जयंती के अवसर पर जबलपुर में नेताजी सुभाषचंद बोस राष्ट्रवाद और युवा सरोकार संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। शुक्रवार को शहीद स्मारक सभागार में संगोष्ठी का शुभारंभ केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने किया। उन्होंने नेताजी के जीवन चरित्र पर प्रकाड डालते हुए कहा कि नेताजी की जितनी तारीफ की जाए वो कम है। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा नेताजी धीर पुरुष थे। महापुरुषों में नेताजी चमकते हुए सितारे थे। आजाद हिंद फौज बनाकर उन्होंने अंग्रेजी शासन की नींव हिला दी थी। संगोष्ठी में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, नेताजी के प्रपोत्र चन्द्र कुमार बोस, मेजर जीडी बख्शी भी मौजूद हैं।
गोलबाजार परिसर में 400 मीटर के कैनवास पर आकार ले रहा सुभाष बाबू का जुड़ाव
राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, एनजीएम, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में गोलबाजार परिसर में नर्मदा लहरी सदृश 400 मीटर के कैनवास पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस का जबलपुर से जुड़ाव रेखांकित किया जा रहा है। इस दौरान उनके राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़े चित्रों को कलाकारों द्वारा भव्य रूप दिया जा रहा है। अद्वैत गडऩायक, महानिदेशक, राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय ने बताया कि यह आयोजन केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार प्रहलाद सिंह पटेल की प्ररेणा से हो रहा है। दो मार्च से इसका शुभारंभ हुआ। पांच मार्च तक 200 के लगभग स्थानीय, प्रादेशिक, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय ख्यातिलब्ध बेहतरीन चित्रकार और फाइन आर्ट स्टूडेंट्स अपनी कला का परिचय दे रहे हैं।
जबलपुर से जुड़े चित्र
पारंगत चित्रकार 1939 के जबलपुर के त्रिपुरी अधिवेशन से लेकर जर्मनी के तानाशाह हिटलर की आंखों में आंखों डालकर हाथ मिलाते नेताजी और आजाद हिंद फौज व रानी झांसी रेजीमेंट के गठन के दृश्य कैनवास पर जीवंत कर रहे हैं। 1931 से 1933 तक नेताजी जबलपुर के सेंट्रल जेल में बंद रहे, त्रिपुरी अधिवेशन के दौरान उन्हें 104 डिग्री बुखार था, फिर भी महात्मा गांधी के प्रत्याशी को हराकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित हुए, जैसे इतिहास के पन्ने चित्रों में साकार हो रहे हैं।
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