
जबलपुर. परसवाड़ा क्षेत्र के ग्राम डोंगरिया में पोल पर चढ़ कर लाइन फॉल्ट दूर करने वाले एक सहायक लाइन मैन की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि सहायक लाइन मैन ने शट डाउन भी लिया था, लेकिन दूसरे साथी को इसकी जानकारी नहीं हुई और उसने लाइन चालू करा दी जिससे वह हाईटेंशन करंट की चपेट आ गया जिससे बुरी तरह से झुलस गया। पोल पर सहायक लाइन मैन को लटका देख ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे नीचे उतारा लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के विद्युत मंडल परसवाड़ा अंतर्गत चंदना फीडर पर लाइनमैन मुन्नूलाल खरे के साथ काम करने वाले ग्राम डोंगरिया निवासी दिनेश पिता लुखीराम पटेल (45 वर्ष) अपने वरिष्ठ लाइनमैन मुन्नूलाल खरे से शाम को शटडाउन लिया और पोल पर चढ़ कर फाल्ट दूर करने में जुट गया। अभी उसका काम चल ही रहा था कि लाइनमैन मुन्नूलाल खरे ने बिना सूचना लाइट चालू कर दी। ऐसे में वह लाइन चालू होते ही बिजली के तार में चिपक कर वहीं लटक गया।
ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंची परसवाड़ा पुलिस ने शव को दिनेश को नीचे उतारा। लेकिन तब तक दिनेश की मौत हो चुकी थी। दिनेश की मौत की सूचना लगते ही मृतक के परिवारजन व ग्रामीण विद्युत विभाग के संबंधित कर्मचारी मुन्नूलाल खरे की गिरफ्तारी, सेवा बर्खास्तगी, परिवार को आर्थिक सहायता एवं परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे।
ग्रामीणों का हंगामा मंगलवार की भोर तक चलता रहा। उन्होंने बिजली कार्यालय व थाने का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच प्रशासन ने बल प्रयोग कर मंगलवार की सुबह करीब छह बजे शव को पोस्टमार्टम के लिए शवगृह परसवाड़ा भिजवाया। इसके विरोध में परिवारों एवं ग्रामीणों ने मृतक के गांव डोंगरिया में चक्का जाम कर अपने मांग पूरी होने पर ही मृतक के पोस्टमार्टम की सहमति देने की बात कही।
कलेक्टर और एसपी ने परिवारजनों एवं ग्रामीणों को समझाने की पूरी कोशिश की। कहा कि मामले की जांच कर दोषी के विरुद्ध समुचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मृतक के परिवार को 8 लाख रुपए और एक सदस्य को नौकरी देने का आश्वासन भी दिया। इस पर परिवारजन पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए, तब जा कर पोस्टमार्टम हुआ और शव परिवारजनों को सौंप दिया गया।
इस दौरान उपस्थित लोगों ने बताया कि दिनेश की मौत विद्युत विभाग के कर्मचारी मुन्नूलाल खरे की लापरवाही के कारण विद्युत करंट से हुई। पुलिस-प्रशासन लाश को जबरदस्ती बगैर पंचनामा के चुपके से खंभे से उतार कर ले गया, जो इस बात को इंगित करता है कि इस घटना के दोषी मुन्नूलाल खरे को बचाने में किसी बड़े नेता या अधिकारी का हाथ है जिसके कारण घटना को दबाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस घटना के पूर्व भी विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते लगभग चार,पांच लोगों की जान जा चुकी है , जिन्हें शासन प्रशासन के द्वारा आश्वासन ही मिला आज तक किसी प्रकार की सहायता राशि नहीं मिला।
"लाइनमैन की मौत काम करते समय हुई थी। मृतक के परिवार व ग्रामीणों द्वारा मृतक के एक परिवार के लोगों नौकरी देने और मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। बिजली विभाग ने उनकी मांग को पूरा करने को आश्वस्त किया है।" -अभिषेक तिवारी, एसपी बालाघाट
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