यहां की जलेबी, उबली बेर का स्वाद गजब का है

जबलपुर। एडवेंचर स्पोट्र्स व वाटर स्पोट्र्स के लिए चयनित प्रदेश के तीस कैम्प में तीन साइट जबलपुर की हैं। इनमें बरगी डैम व न्यू भेड़ाघाट शामिल हैं। पर्यटकों के लिए यहां हनुवंतिया की तर्ज पर वृहद स्तर पर वाटर स्पोट्र्स गतिविधि आयोजित की जा सकती है। ये जानकारी गुरुवार को आयोजित संभाग स्तरीय कार्यशाला में पर्यटन बोर्ड के पदाधिकारियों ने दी। मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड की ओर से कल्चुरी रेजिडेंसी में आयोजित संभाग स्तरीय कार्यशाला में जिला पुरातत्व पर्यटन व संस्कृति परिषद जबलपुर और शहडोल के 10 जिलों के प्रतिभागी शामिल हुए।

कार्यशाला का उद्घाटन संभागायुक्त बी चंद्रशेखर ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जबलपुर, शहडोल संभाग में इको टूरिस्म में बड़ी संभावना है पर इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है। पर्यटन के क्षेत्र में लगातार प्रयास करने से सफ लता मिलती है। प्रभारी कलेक्टर हर्ष दीक्षित ने कहा कि पर्यटक जबलपुर आकर यहीं से कान्हा, बांधवगढ, पन्ना, पेंच जाते हैं। वे यहां एक-दो दिन ठहरें इस पर फोकस होना चाहिए। पर्यटन के जानकारों ने कहा कि जबलपुर की खोवा की जलेबी और यहां की उबली बेर व बिरचुन को प्रमोट करने व ब्रांड बनाने पर फोकस करना चाहिए। भेड़ाघाट में मिलने वाली स्वादिष्ट उबली बेर व बिरचुन का औषधीय महत्व भी है। कार्यशाला में जबलपुर में फि ल्म निर्माण को प्रोत्साहित करने, पर्यटन बोर्ड की होमस्टे योजना, संशोधित पर्यटन नीति, हेरीटेज वॉक, स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने, स्वरोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने जैसे विषयों पर मंथन हुआ। कार्यशाला में मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड की ओर से संयुक्त संचालक एसके श्रीवास्तव, संयुक्त संचालक एडमिन डीएटीसी मनोज कुमार सिंह, संचालक कौशल संवर्धन आरके श्रीवास्तव, जेटीपीसी के सीईओ हेमंत सिंह, जेटीपीसी के सदस्य अनिल तिवारी व एमपीटी के अन्य अधिकारी शामिल थे।



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