
जबलपुर। शहर में कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था लडखड़़ाने लगी है। कोरोना संदिग्धों के नमूने की ना तो जल्दी जांच हो पा रही है और ना ही संक्रमित पाए जाने पर आइसोलेट करने में मुस्तैदी दिखाई जा रही है। सरकारी अस्पताल में नमूने देने पर चार से पांच दिन बाद सम्बंधित व्यक्ति को कोविड जांच रिपोर्ट मिल रही है। तब तक संदिग्ध बाहर घूम रहे हैं। ऐसे व्यक्तियों के बाद में पॉजिटिव आने पर कई लोगों तक संक्रमण पहुंचने का खतरा बना हुआ है। संक्रमित व्यक्तियों के घर के बाहर कोविड-19 को लेकर सावधान करने वाले पोस्टर तक नहीं लगाए जा रहे हैं। संक्रमितों के घर और आसपास के क्षेत्र में होने वाला सेनेटाइजेशन भी बंद है।
5 दिन बाद पॉजिटिव होने का मैसेज आया
तीन दिन तक लगातार बुखार आने पर एक युवती ने विक्टोरिया अस्पताल में कोविड टेस्ट के लिए नमूना दिया। चार दिन बाद कोविड-19 पॉजिटिव होने का मैसेज आया। लेकिन 10 दिन बीतने के बाद भी ना तो युवती के पास कोई फोन आया। ना ही उपचार और आइसोलेशन की जानकारी ली गई।
पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर आया फोन
नेपियर टाउन निवासी एक व्यक्ति को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर अगले दिन स्वास्थ्य विभाग का फोन आया। उन्हें होम आइसोलेट रहने के लिए कहा गया। लेकिन संबंधित घर के बाहर कोविड-19 का पोस्टर नहीं चिपकाया। आइसोलेशन या स्वास्थ्य के संबंध में दोबारा कोई जानकारी नहीं ली।
माइक्रो कंटनमेंट जोन नहीं बनाया
कोरोना संक्रमित पाए जाने पर माइक्रो कंटनेमेंट जोन बनाया जाना है। इस पर काम नहीं हो रहा है। अधारताल निवासी एक व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आकर चार दिन हो चुके है। लेकिन अभी तक संक्रमित के घर का सेनेटाइजेशन नहीं हुआ है। संक्रमित अस्पताल में भर्ती है।
परिवार के सदस्य नहीं हुए क्वारंटीन, खुला रखा प्रतिष्ठान
करमचंद चौक निवासी एक कारोबारी को दो दिन पहले कोरोना पॉजिटिव पाया गया। संक्रमित के सम्पर्क में परिवार के अन्य सदस्य थे। कोई भी क्वारंटीन नहीं हुआ। संबंधित कारोबारी का प्रतिष्ठान भी लगातार खुला हुआ है।
सेनेटाइजेशन : नगर निगम की जिम्मेदारी है कि संक्रमित के घर और आसपास के क्षेत्र में सेनेटाइजेशन करें। कोरोना से ज्यादा प्रभावित क्षेत्र में लगातार सेनेटाइजेशन हो। पहले तो बाजार बंद होने पर भी सेनेटाइजेशन होता था।
कंटेनमेंट: कोरोना संक्रमित के घर को माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया जाना है। वहां पर कोविड-19 को लेकर सतर्क करने वाला पोस्टर चिपकाया जाना है। पहले तो संक्रमित के एक किमी के दायरे को सील कर दिया जाता था।
निगरानी : कोरोना संदिग्ध को होम क्वारंटीन और संक्रमित को होम आइसोलेट या हॉस्पिटल आइसोलेशन सुनिश्चित करना है। पहले कमांड एंड कंट्रोल रूम से वाट्सअप कॉल से संबंधित की निगरानी की जाती थी।
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