ग्राहकों को ठगना अब आसान नहीं

जबलपुर। उपभोक्ता संरक्षण कानूनों में केंद्र सरकार की ओर से किए गए बदलावों से उपभोक्ता पहले से ज्यादा ताकतवर हुआ है। जबलपुर जैसे शहर में भी अब वह खरीदी गई वस्तु की गुणवत्ता, मूल्य और उपयोग के बाद परिणामों को लेकर सतर्क रहता है। नतीजतन जिला उपभोक्ता विवाद परितोषण आयोग में हर साल एक हजार से 1200 शिकायतें पहुंच रही हैं। हर साल 15 मार्च को मनाए जाने वाले विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का उद्देश्य भी उसे जागरूक करना है। केंद्र सरकार के 20 जुलाई 2020 को कानून में किए गए संशोधन से उपभोक्ताओं के अधिकार बढ़े हैं। जिला उपभोक्ता फोरम (अब जिला उपभोक्ता विवाद परितोषण आयोग) में भी ग्राहक के अधिकारों की पूरी रक्षा की जाती है। फैसलों में भी उनके हर पहलू का ध्यान रखा जाता है।
जिले में ये शिकायतें ज्यादा
जिले में बीमा, मेडिक्लेम, ओडी क्लेम, फाइनेंस कम्पनियों, मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट, हाउसिंग बोर्ड की सुविधाएं, डॉक्टर्स, बैंकों, बिल्डर्स द्वारा वादे के अनुरूप सुविधाएं नहीं देने आदि की शिकायतें ज्यादा आती हैं। जिले में दो जिला उपभोक्ता विवाद परितोषण आयोग हैं। एक में नगर निगम सीमा और दूसरे में नगर निगम सीमा से बाहर के उपभोक्ता सम्बंधित व्यक्ति या कम्पनी के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं। जानकारों के अनुसार अब उपभोक्ता अपने गृह नगर में स्थित फोरम में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। पहले 20 लाख रुपए तक के मामले की सुनवाई जिला स्तर पर होती थी। एक करोड़ तक के मामले की सुनवाई राज्य स्तर और इससे अधिक की राशि के मामले की सुनवाई राष्ट्रीय स्तर पर होती थी। अब एक करोड़ रुपए तक के मामले जिला स्तर पर सुने जा सकेंगे। उपभोक्ता मामलों के जानकार एड. अरुण कुमार जैन ने बताया कि उपभोक्ता संरक्षण कानून में हुए बदलाव से ग्राहक की ताकत बढ़ी है। वह अपने वैधानिक अधिकार के लिए खुलकर सामने आने लगा है। उनकी सजगता के कारण ही कम्पनियां अपने उत्पाद के प्रति पहले से ज्यादा जिम्मेदार हो रही हैं। ग्राहकों को न्याय भी त्वरित गति से मिल रहा है। कोरोना काल में प्रक्रिया प्रभावित हुई थी, अब स्थिति सामान्य हो रही है। उन्होंने बातया कि 80 फीसदी से ज्यादा मामले उपभोक्ता के पक्ष में होते हैं।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://bit.ly/3vkl5ZQ
#jabalpur

Post a Comment

0 Comments