राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नर्मदा, रानी दुर्गावती और ऋषि जाबालि पर कही ये बड़ी बात - देखें वीडियो

जबलपुर/ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संबोधित करते हुए कहा मप्र सहित पश्चिमी भारत की जीवन रेखा जबलपुर को विशेष पहचान देने वाली पुण्यसलिला नर्मदा की पावन भूमि पर आकर प्रसन्नता हो रही है। जाबालि ऋषि की तपोभूमि और रानी दुर्गावती की इस भूमि को आचार्य विनोबा भावे ने इसे संस्कारधानी का नाम देकर इसे धन्य बना दिया। न्यायिक अकादमियों के बीच संवाद का यह सराहनीय प्रयास है। इस अखिल भारतीय सम्मेलन का शुभारंभ करना मेरे लिए बहुत गर्व की बात है। इसके लिए आयोजनकर्ता बधाई के पात्र हैं। जबलपुर न्यायिक अकादमी ने कोरोना काल में लाइव प्रशिक्षण कर संसाधनों का सही उपयोग किया है। न्याय व्यवस्था में टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ा है। लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन सुनवाई की गई। जो एक अच्छा प्रयास रहा है।

 

ई अदालत, ई सेवा केन्द्र, ई सुनवाई से प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग में कमी आई है। न्याय प्रशासन में केवल कानूनी ज्ञान ही नहीं युक्ति, विवेक का सहारा भी लेने की जरूरत है। ताकि न्याय की हानि से बचा जा सके। न्याय के आसन पर बैठने वाले व्यक्ति में किसी प्रकार के पूर्वाग्रह से मुक्त होना चाहिए। उनका आचरण मर्यादित, संदेह से पर और न्याय दिलाने वाला होना चाहिए। न्याय प्रशासन में संख्या से अधिक गुणवत्ता पर ज्यादा महत्व दिया जाता है। इन सब में राज्य न्यायिक अकादमियों में इसकी भूमिका अहम हो जाती है।
मेरी अपेक्षाएं बढ़ गई हैं अब उच्च न्यायालय अपनी अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में प्रमाणित अनुवाद करें। ताकि वहां के लोगों को न्याय पालिका पर विश्वास और प्रगाढ़ हो। कानूनों के लूप होल्स पर न्याय पालिकाओं को सजग रहकर उन्हें दूर करना चाहिए। दो दिन होने वाले मंथन में मेरे इन बिंदुओं पर चर्चा हो और निष्कर्ष निकले। मुझे प्रसन्नता होगी कि मंथन के निर्णयों व बिंदुओं की एक प्रति मुझे भी दें।



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