हद दर्जे की लापरवाही! स्क्रीनिंग में भी खानापूर्ति

जबलपुर। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के शुरुआती मामलों में जबलपुर के ज्यादातर मरीजों की ट्रेवल हिस्ट्री मिली थी। धीरे-धीरे फैला संक्रमण एक बार फिर से शहर के ज्यादातर क्षेत्र में पहुंच चुका है। उसके बाद भी बाहर से आ रहे लोगों की जांच में लापरवाही जारी है। कोरोना संक्रमण से प्रभावित शहरों से आने वाले यात्रियों के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट मांगी गई है। लेकिन ना तो एयरपोर्ट में किसी यात्री से आरटीपीसीआर टेस्ट की जांच रिपोर्ट पूछा जा रहा है। ना ही रेलवे स्टेशन में महाराष्ट्र, दिल्ली से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग में सख्ती की जा रही है। आइएसबीटी में यात्रियों की स्क्रीनिंग के नाम पर महज खानापूर्ति का खेल चल रहा है। जिम्मेदारों की अनदेखी से कोरोना का खतरा बढ़ गया है।

दूसरे शहरों से आने वाली बसों के ज्यादातर यात्री दीनदयाल चौक में उतरकर घर, कार्यालय और होटल चले जाते हैं। कोरोना स्क्रीनिंग करने वाले स्वास्थ्य कर्मी आइएसबीटी के अंदर बैठते हैं। जहां तक पहुंचने से पहले ही बस लगभग खाली हो जाती है। नागपुर में कोरोना के मामले बढऩे पर शहर से बस सेवा बंद कर दी गई है। लेकिन नियमित ट्रेन सेवा बहाल है। ट्रेन से आने वाले यात्रियों के स्टेशन में उतरने पर ना तो लगातार स्क्रीनिंग की जा रही है। ना ही आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट कोई देख रहा है। इंदौर और भोपाल से प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग शहर आते हैं। इन शहरों से आने वाली कुछ ट्रेनों के ज्यादातर यात्री मदनमहल स्टेशन में उतर जाते हैं। जहां यात्रियों की स्क्रीनिंग नहीं की जा रही है। कोरोना प्रभावित पुणे, मुंबई सहित महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश व बिहार की ओर जाने वाली ज्यादातर ट्रेनें शहर से गुजरती हैं। इन ट्रेनों से शहर भी लोग आ रहे है। इनकी स्क्रीनिंग में भी ढिलाई बरती जा रही है। डुमना एयरपोर्ट पर यात्रियों का आते-जाते समय शरीर का तापमान रेकॉर्ड किया जा रहा है। दिल्ली सहित अन्य शहरों की उड़ान से आने वाले यात्रियों का बाहर निकलते समय पता दर्ज किया जा रहा है। यात्रियों ने बताया कि आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट नहीं देखा जा रहा है।



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