
जबलपुर। मप्र विद्युत नियामक आयोग में बिजली के दाम बढ़ाने के खिलाफ आपत्ति दर्ज की गई है। विभिन्न संगठनों की ओर से आपत्ति दर्ज कर बिजली कंपनी की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठाए हैं। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपंाडे ने आपित्त दर्ज की है कि थर्मल पावर प्लांट की हालत खराब है। काम न करने के चलते लोड फैक्टर नीचे आ गया है। इसके चलते कोयला ज्यादा लगने से खर्च बढ़ रहा है। ऊंचे दाम में बिजली खरीदनी पड़ रही है। इसके साथ ही 13 हजार करोड़ सब्सिडी सरकार से मिलनी थी जो नहीं मिली। यही वजह है उंचे दाम में बिजली खरीदनी पड़ रही है। दोनों आपत्तियां पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। याचिकाकत्र्ता राजेंद्र अग्रवाल ने आयोग को भेजी आपत्ति में कहा है कि बिजली कंपनियों में व्याप्त भ्रष्टाचार, मैंटेनेंस में लापरवाही, महंगी बिजली खरीदनें जैसे कुप्रबंधन के चलते बिजली के दाम बढ़ रहे हैं। बिजली कंपनी द्वारा 44 हजार 814 करोड़ का खर्चा एवं आमदानी 42 हजार 185 करोड़ बताई गई है। 2681 करोड़ फालूत के जोड़ लिए हैं जिसे घटाया जा सकता है। जो भ्रष्टाचार है उसमें पांच हजार करोड़ रुपए कम हो सकते हैं।
आपत्तिकर्ता डीआर जैसवानी ने कहा कि फिजूल खर्च की वजह से बिजली कंपनी को घाटा होता जा रहा है। जिसका खामियाजा आम जनता को महंगी बिजली से उठाना पड़ रहा है। बिजली कंपनी के टैरिफ पर हर साल अपत्ति दर्ज करवाते हैं। बताया जाता है आयोग ने बिजली टैरिफ याचिका को लेकर 8 मार्च तक अपत्ति देने का वक्त दिया गया था। जिले से करीब आधा दर्जन आपत्ति ही गई है। आयोग 9 और 10 मार्च को ऑनलाइन सुनवाई होनी है।
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