
जबलपुर। पश्चिमी विक्षोभ के इस बार बार-बार छोटे प्रभाव आने से मौसम का मिजाज स्थिर नहीं हो पा रहा है। अममून महीने में तीन से चार पश्चिमी विक्षोभ बनते हैं। लेकिन इस बार देखने में यह आ रहा है कि हर चौथे दिन पश्चिमी विक्षोभ का असर आ रहा है। इससे सामान्य से ऊपर चढ़ गया पारा अचानक सामान्य से नीचे आ रहा है। इससे अचानक गर्मी का अहसास कम हो रहा है। या फिर अचानक धूप तेज हो रही है। मौसम की यह चाल स्वास्थ्य सीधे प्रभावित कर रहा है। प्रति दो से तीन दिन में पारा उतर और चढ़ रहा है। मौसम में लगातार बदलाव का असर आम लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। कोरोना संक्रमण काल और सर्द-गर्म के बीच जकड़ रही सर्दी-खांसी व वायरस बुखार लोगों को शंकाओं से घेर रहा है। मौसम की मार से प्रभावित लोग अस्पताल पहुंच रहे है। अस्पतालों की ओपीडी खुलते ही मरीजों की भीड़ लग रही है।
इस महीने तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव
पारे की बदलती चाल से सेहत को झटका, मरीजों की कतार

तेज हवा और बूंदाबांदी
पश्चिमी विक्षोभ के असर से प्रदेश के कुछ हिस्से और आसपास के राज्यों के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। इससे पूरे महीने रुक-रुक कर काले बादलों की आवाजाही जारी है। चक्रवाती प्रभाव के कारण कभी शहर के ऊपर आसमान में काले बादल छा रहे है। हवा की दिशा में लगातार परिवर्तन के साथ कभी अचानक धूल भरी तेज हवा चल रही है। तो बूंदाबांदी के भी आसार बन रहे है। तो अचानक किसी-किसी दिन दोपहर में आसमान साफ होकर तेज धूप निकल रही है। गर्म हवा आ रही है। इसके ठीक 12 से 24 घंटे के अंतराल में ही बर्फबारी वाले पहाड़ी राज्यों से आ रही हवा मौसम में घुलकर ठंडक का अहसास करा रही है। यह दौर पूरे महीने में जारी है। सोमवार को तापमान में गिरावट के बीच बुधवार से पारे में फिर उछाल की सम्भावना बन गई है। मौसम विज्ञान केन्द्र में वैज्ञानिक सहायक देवेन्द्र कुमार तिवारी के अनुसार सोमवार को मौसम पर पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव रहा। उत्तर-पश्चिम राजस्थान और दक्षिण-पूर्वी मध्यप्रदेश के ऊपर चक्रवात है। हल्के बादल बने हुए हैं।
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