
जबलपुर। हम अक्सर एडजस्ट करने वाली मानसिकता लेकर चलते हैं, जैसे एक किलो किसी जीच में 100-50 ग्राम कम भी निकलता है तो सोच लेते हैं कि चलता है, जबकि जागरुक नागरिक इसे सेवा में कमी, उपभोक्ता के साथ छल मानकर उक्त व्यापारी या कंपनी के खिलाफ खड़ा हो जाता है। कुछ ऐसा ही किया शहर के एक जागरुक नागरिक ने, जब उन्हें ऑफर में 100 ग्राम शहद कम मिली। अब कंपनी को जुर्माने के साथ शहद भी देनी होगी।
जिला उपभोक्ता आयोग का शहद विक्रेता कम्पनी को आदेश
सौ ग्राम शहद कम दिया, हर्जाने के साथ चुकाओ 32 रुपए कीमत
ग्राहक को 100 ग्राम शहद कम देने के कारण जिला उपभोक्ता आयोग ने शहद विक्रेता कम्पनी मेडिलाइफ इंटरनेशनल प्रायवेट लिमिटेड को सेवा में कमी का दोषी पाया। आयोग के अध्यक्ष केके त्रिपाठी और न्यायिक सदस्य योमेश अग्रवाल की कोर्ट ने आदेश दिया कि कम्पनी एक माह के भीतर परिवादी को 100 ग्राम शहद की कीमत 32 रुपए का भुगतान करे। परिवादी को एक हजार रुपए मानसिक क्लेश और एक हजार रुपए वाद व्यय के भी हर्जाने के तौर पर चुकाए जाएं।
जबलपुर निवासी अधिवक्ता जीपी गुप्ता की ओर से आयोग के समक्ष परिवाद दायर कर कहा गया कि उन्होंने अनावेदक कम्पनी मेडिलाइफ इंटरनेशनल प्रायवेट लिमिटेड से 6 दिसंबर 2018 को एक किलो शहद मंगाया। इस पर 30 प्रतिशत अतिरिक्त शहद का ऑफर था। लेकिन जब उन्हें शहद मिला तो उसमें केवल 200 ग्राम अतिरिक्त शहद था। जबकि 300 ग्राम शहद अतिरिक्त मिलना था। उन्होंने अनावेदक कम्पनी से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंतिम सुनवाई के बाद आयोग ने अनावेदक कम्पनी को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के तहत सेवा में कमी व अनुचित व्यापार प्रथा अपनाने का दोषी पाया। कोर्ट ने कम्पनी को आदेश दिया कि एक माह के भीतर आवेदक को 100 ग्राम अतिरिक्त शहद की कीमत व मानसिक क्लेश, वाद व्यय के लिए एक-एक हजार रुपए प्रदान करे।
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