
जबलपुर. ऋतुराज वसंत का आगमन और देवी वाग्देवी की आराधना का महा उत्सव (Vasant Panchami) 16 फरवरी मंगलवार को मनाया जाएगा। इस बार विशिष्ट योग में यह महा पर्व मनाया जाना है। ऐसा इसलिए कि इस दफा रेवती नक्षत्र और मकर में सूर्य व गुरु की युति से बन रहा विशेष योग बन रहा है।
ज्योतिषियों के अनुसार 16 फरवरी को भोर में 3:38 बजे लगेगी माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि और 17 फरवरी की भोर में 5:47 बजे तक इसका मान रहेगा। खास बात यह है कि पंचमी तिथि को दिन है मंगलवार, नक्षत्र है रेवती और मकर राशि में सूर्य व गुरु की उपस्थिति, की वजह से इस बार वसंत पंचमी को तिहरा योग बन रहा है। इसमें अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग है। ऐसे में वसंत पंचमी का महत्व कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है।
ऐसे करें मां सरस्वती की आराधना
- मां सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें
- रोली, चंदन, हल्दी, केसर, पीले या सफेद रंग के पुष्प, पीली मिठाई और अक्षत अर्पित करें
- पूजा स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबों को अर्पित करें
-मां सरस्वती की वंदना का पाठ करें
विद्यार्थी मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए व्रत रख सकते हैं
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