
जबलपुर. Petrol dieser price hike effect ये है कि अब आम नागरिकों को सस्ता परिवहन भी मुहैया नहीं होगा। बस आपरेटरों ने प्रदेशव्यापी हड़ताल का ऐलान कर दिया है। यानी अब पहली मार्च से सूबे में बसो के पहिए थम जाएंगे। इस तरह अब लोगों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए आटो और टैक्सी ही सहारा होगा जिसके लिए उन्हें मोटी रकम चुकानी होगी।
डीजल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए बसों का किराया बढ़ाने के मुद्दे पर जबलपुर में बस ऑपरेटर एसोसिएशन की बैठकों का दौर लगातार जारी है। ऑपरेटर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं। उनका कहना है प्रदेश भर में जो बसों का किराया निर्धारित किया गया है वो तब का है जब डीजल 58 रुपए प्रति लीटर बिक रहा था। अब प्रदेश में डीजल के दाम बढ़कर 90 रुपए लीटर हो गए हैं। फिर भी बस किराए में वृद्धि नहीं की गई। हम पुरानी दरों पर ही यात्रियों को सफर करा रहे हैं। इन हालातों में बस संचालकों के लिए अपनी बसों को चला पाना बेहद मुश्किल हो गया है।
आपरेटरों का कहना है कि बस ऑपरेटर एसोसिएशन ने इस मुद्दे पर जब सरकार से बातचीत की थी तभी बसों के किराये में कम से कम 50 फीसदी का इजाफा करने की मांग रखी थी। तब सरकार ने मांग को पूरा करने का आश्वासन भी दिया था। लेकिन किराया आज तक नहीं बढ़ाया गया। ऐसे में वर्तमान में प्रदेश में बस ऑपरेटर्स के लिए अपनी बसों का संचालन करना घाटे का सौदा साबित हो रहा है। साथ ही परिवहन विभाग के कई सख्त नियम भी बस ऑपरेटर्स के लिए मुश्किलें पैदा कर रहे हैं।
इस सूरत में बस ऑपरेटर एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि अगर सरकार ने बसों का किराया बढ़ाने की मांग पूरी नहीं की तो 1 मार्च से मध्य प्रदेश में बसों के पहिए जाम कर दिए जाएंगे। प्रदेश भर में बस संचालक हड़ताल पर चले जाएंगे।
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