
जबलपुर. पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ Congress के बंद के आह्वान का मिलाजुला असर दिखाई दिया। कई बाजार पूरी तरह से बंद रहे तो कहीं आंशिक बंदी नजर आई। इस बीच कांग्रेस कार्यकर्ता झुंड बना कर एक टेम्पो में पार्टी का झंडा लगाए पीछे-पीछे चल रहे थे। वो लाउडस्पीकर के जरिए दुकानदारों से दुकानें बंद करने की अपील करते नजर आए।

फव्वारा क्षेत्र के में बंद का मिलाजुला असर कुछ दुकानें खुली कुछ बंद। मदन महल क्षेत्र में पूर्णतया बंदी दिखी। यहां तक कि दवा की दुकानें तक बंद रहीं। कमोबेश कांचघर क्षेत्र में भी यही हाल रहा।

जबलपुर शहर के प्रमुख बड़ा फुहारा इलाके को बंद कराने कांग्रेसी कार्यकर्ता पहुंचे। यहां नगर अध्यक्ष के नेतृत्व में प्रदर्शन भी किया। इस दौरान केंद्र व राज्य की भाजपा सरकारों के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी हुई। कांग्रेसजनों ने केंद्र व राज्य सरकार को जनविरोधी करार दिया। कहा कदम-कदम पर इन सरकारों की नीतियों के चलते आमजन का बुरा हाल है। पेट्रोल-डीजल की कीमते सौ रुपये के पार पहुंच गई। ऐसे इस देश में कभी नहीं हुआ।

कांग्रेस नेताओं का कहना था कि ये वही भाजपा सरकार है जो कच्चे तेल के अंतर्राष्ट्रीय मूल्य में वृद्धि पर देश में हुई बोढ़ोत्तरी का मुद्दा बना कर यूपीए सरकार के खिलाफ जमकर धरना प्रदर्शन करती रही। अब उसी सरकार के कार्यकाल में महंगाई ने लोगों की गृहस्थी को बिगाड़ कर रख दिया है। हर नागरिक परेशान है।

हालांकि भाजपा नेता और प्रदेश के मंत्रियों ने कांग्रेस के इस बंद को पूरी तरह से विफल करार दिया है। भाजपा के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, बंद पूरी तरह असफल है। कांग्रेस के छुटभैये नेता और गुंडे गुंडागर्दी कोशिश कर रहे हैं कि बंद सफल हो। लेकिन बंद का क्या मतलब, छोटे गुमटी वाले और चाय वालों की दुकाने बंद होंगी तो उनका क्या फयदा होगा। कांग्रेस के नेता सिर्फ राजनीतिक रोटिया सेंकने के लिए बंद की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राजस्थान, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ में प्रदर्शन क्यों नही कर रही। जनता को बधाई देता हूं कि कांग्रेस के इस बंद में साथ नहीं दिया। इससे कांग्रेस सिर्फ अराजकता फैलाने की कोशिश कर रही है।

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