
जबलपुर। पर्यटकों के मनोरंजन के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर पंचवटी में स्थापित किया गया, लेजर शो दो साल से बंद है। करोड़ों रुपये के स्ट्रक्चर का कोई उपयोग नहीं हो रहा है। इसे लेकर लगातार सवाल उठने पर प्रशासन ने लेजर शो के संचालन का रास्ता निकालने मंथन शुरू किया। जबलपुर टूरिज्म प्रमोशन काउंसिल(जेटीपीसी) के जिम्मेदारों की मानें तो भेड़ाघाट में शाम को पर्यटकों के न ठहरने के कारण लेजर शो के संचालन का खर्च निकलना भी मुश्किल है। इसी के कारण लेजर शो बंद करना पड़ा। ऐसे में ग्वारीघाट में लेजर शो शिफ्ट करने जेटीपीसी ने पर्यटन विकास निगम व नगर निगम के साथ पत्राचार किया। लेकिन लेजर शो की शिफ्टिंग तकनीकी पहलुओं में उलझ गई है। एमपीटी भी इसमें रुचि नहीं दिखा रहा है।
तकनीकी पहलुओं में उलझी लेजर शो की ग्वारीघाट शिफ्टिंग
पर्यटन विकास निगम नहीं ले रहा है रुचि, भेड़ाघाट में बंद पड़ा है करोड़ों का स्ट्रक्चर
फैक्ट फाइल-
-2.5 करोड़ की लागत से स्थापित हुआ था लेजर शो
-50 लाख रुपये के लगभग नए स्थान पर स्थापना में होंगे खर्च
-20 हजार रुपये के लगभग मासिकल संचालन का आता है खर्च

ये तकनीकी समस्या-
भटौली स्थित जिस विसर्जन कुं ड के समीप लेजर शो को शिफ्ट करने की प्लानिंग की गई है जानकारों का मानना है की उस स्थल पर लोगों की आवाजाही कम है। ऐसे में उक्त स्थल पर लेजर शो शिफ्ट होने पर उसे देखने कितने लोग आएंगे इसे लेकर संशय है। तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है की लेजर शो के लिए ग्वारीघाट में किसी ऐसे स्थल पर नई जल इकाई बनाना होगी जो नदी के समीप हो। नए स्थल में लेजर शो का स्ट्रक्चर स्थापित करने पर लगभग पचास लाख रुपये का खर्च आएगा।
लेजर शो की भेड़ाघाट से ग्वारीघाट शिफ्टिंग के लिए नगर निगम व पर्यटन विकास निगम को पत्राचार किया है। जिस स्थल को लेजर शो की शिफ्टिंग के लिए सुझाया गया है वह नदी से कुछ दूर है और वहां लोगों की आवाजाही भी कम है। शो के संचालन के लिए ऐसे स्थल पर जल इकाई विकसित करना होगी, जहां बेहतर ढंग से शो का संचालन हो सके। अभी पर्यटन विकास निगम से कोई जवाब नहीं मिला है।
हेमंत सिंह, सीईओ, जेटीपीसी
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