
जबलपुर। नर्मदा के तटों में जबलपुर के ग्वारीघाट पर भी भारी भीड़ उमड़ती है। नर्मदा जयंती पर तो यहां भीड़ का ओर-छोर नहीं रहता। इसके अलावा आम दिनों में भी यहां पैदल चलने की भी जगह नहीं मिलती। इसका बड़ा कारण हर रोज नई दुकानों को खुलना भी है। यहां जिसकी जहां मर्जी हो रही है, वहं पर तखत रखकर दुकान सजा लेता है। निगम के जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं देते। जबकि, दुकानादारों का कहना है कि वे तो निगम की पर्ची कटाते हैं।
15 दिन में हैं तीन बड़े आयोजन
11 फरवरी को मौनी अमावस्या है। पर्व पर स्नान-दान के लिए नर्मदा तट ग्वारीघाट में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। 16 फरवरी को बसंत पंचमी है इस दिन भी तटों में जमकर भीड़ उमड़ेगी। 19 फरवरी को नर्मदा जन्मोत्सव है। पिछले सालों में नर्मदा जन्मोत्सव संस्कारधानी का सबसे बड़ा पर्व बन गया है। ऐसे में श्रद्धालुओं के लिए पैर रखने नहीं बचेगी। पुलिस की अनदेखी के चलते यहां तट के बिल्कुल करीब तक भी वाहन ले जाए जा रहे हैं। इससे यहां कदम-कदम पर जाम के हालात बनते हैं। यहां के कुछ लोगों को कहना है कि देर रात वाहनों की धमाचौकड़ी और दुकानों की भरमार ने तट की खूबसूरती को पूरी तरह से निगल लिया है। तट पर बस्ती की भीड़ भी बढ़ती जा रही है। इससे निस्तार का पानी भी नर्मदा भी सीधे मिल रहा है। ट्रीटमेंट प्लांट एकाध बने हैं, तो वे भी काम नहीं करते। पुलिस का कहना है कि वाहन चालकों को तट से दूर रखने की अपील की जाती है। लेकिन, आम लोग मानते ही नहीं। ज्यादा दबाव बनाने पर रसूखदारों के फोन आने लगते हैं। ऐसे में किसी पर चालानी कार्रवाई भी नहीं की सकती।
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