
जबलपुर/ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचआरएम) की भर्ती प्रक्रिया में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को समुचित आरक्षण क्यों नही दिया जा रहा है? चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। 19 फरवरी तक का समय दिया गया।
एनएचआरएम भर्ती में ओबीसी को समुचित आरक्षण क्यों नहीं
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
ओबीसी आवेदकों की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व विनायक प्रसाद शाह ने कोर्ट को बताया कि एनएचआरएम की भर्ती प्रक्रिया में मनमानी की गई है। ओबीसी को समुचित आरक्षण नहीं दिया गया। अधिक अंक हासिल करने वाले भी चयनित नहीं हुए। जबकि कम अंक वाले चयनित हो गए। आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान आवेदकों का अनारक्षित पदों पर चयन भी नहीं हुआ। इस तरह मध्य प्रदेश लोक सेवा आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा चार की उपधारा चार का उल्लंघन किया गया। आग्रह किया गया कि प्रक्रिया रद्द की जाए। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
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