
जबलपुर/ शारंग तोप का निर्माण करने के बाद वीकल फैक्ट्री जबलपुर 105 एमएम लाइट फील्ड गन की ओवरहॉलिंग का काम भी करेगी। यह पहली आयुध निर्माणी होगी, जहां यह काम होगा। अभी इसकी ओवरहॉलिंग जबलपुर में ही स्थित सेना के 506 थलसेना वर्कशॉप में होती है। जल्द ही सेना की ओर से आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) के जरिए यह ऑर्डर मिलेगा।
वीकल फैक्ट्री जबलपुर (वीएफजे) मूलत: सेना के लिए वाहन तैयार करती है। लेकिन, काम की कमी के कारण के ओएफबी ने उसे 155 एमएम 45 कैलीबर शारंग तोप का काम दिया है। इसका निर्माण भी वह सफलतापूर्वक कर चुकी है। इसे देखते हुए अब उसे सेना के पास बड़ी मात्रा में उपलब्ध लाइट फील्ड गन (एलएफजी) की ओवरहॉलिंग का काम फैक्ट्री को देने जा रही है।
कई प्रकार की हैं खूबी- 17 किमी की दूरी तक निशाना साधने वाली इस तोप की कई खूबियां हैं। यह दुश्मन को चकमा देने में ज्यादा इस्तेमाल की जाती है। हल्की होने के कारण कुछ ही समय में हेलीकॉप्टर के माध्यम से इसे किसी भी जगह तैनात किया जा सकता है। इसलिए सेना में इसकी मांग लम्बे समय से बनी हुई है।
जीसीएफ में बनती है गन
सेना की सबसे हल्की गन में शामिल एलएफजी का निर्माण शहर में ही गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) में किया जाता है। हर साल करीब 50 गन का उत्पादन जीसीएफ में होता है। लम्बे समय से सेना के पास इस गन के होने से अब मरम्मत की ज्यादा जरूरत होती है। इसलिए सेना अब इस काम को 506 थलसेना वर्कशॉप के साथ वीएफजे को देने की तैयारी कर रही है। इससे हर साल ज्यादा संख्या में इसकी ओवरहॉलिंग हो सकेगी।
शारंग तोप में सफलता के कारण अब फैक्ट्री को लाइट फील्ड गन की ओवरहॉलिंग का काम मिलने की सम्भावना है। उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही ऑर्डर मिल जाएंगे।
- राजीव कुमार, जनसम्पर्क अधिकारी, वीएफजे
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