पीली...पीली सरसों फूली...!

जबलपुर। वसंत पंचमी का पर्व मंगलवार को मनाया जाएगा। इस वर्ष वसंत पंचमी पर दो विशेष योग बन रहे हैं। ग्रहों की चाल भी इस दिन को उत्तम बनाने में सहयोग कर रही है। वसंत पंचमी पर शहर के मंदिरों में सरस्वती देवी की विशेष पूजा होगी। सनातन धर्म की परम्परा के तहत विद्या अध्ययन आरम्भ करने के लिए पाटी पूजा भी होगी। जबलपुर जिले में सरसों की खेती खूब की जाती है। यहां के खेतों में सरसों के फूलों में वसंत की खुमारी नजर आ रही है। शहर के लोग भी खेतों में तस्वीरें खिंचवाने जा रहे हैं।
अमृत और रवि योग का संयोग
ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार इस दिन अमृत सिद्धि योग और रवि योग का संयोग बन रहा है, जो इस पर्व के महत्व को अधिक बढ़ाता है। वहीं इस बार वसंत पंचमी पर रेवती नक्षत्र रहेगा, जो कि बुध का नक्षत्र माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को बुद्धि और ज्ञान का कारक माना गया है। पंडित जनार्दन शुक्ला के अनुसार वसंत पंचमी पर पीले रंग का विशेष महत्व है। यह उत्साह और उल्लास का रंग माना गया है। माना जाता है कि वसंत ऋतु में धरती की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होती है। सरसों के फसल से धरती पीली नजर आने लगती है। जो लोगों को आनंद प्रदान करती है। इसीलिए वसंत ऋतु श्रेष्ठ मानी जाती है। पीले रंग के प्रयोग से दिमाग की सक्रियता बढ़ती है। इसलिए इस दिन पीले रंग का विशेष महत्व माना गया है। वसंत पंचमी का पर्व 16 फरवरी को सुबह 03.36 से आरम्भ होगा, जो 17 फरवरी को पंचमी की तिथि के साथ ही समाप्त होगा। इस दिन मां सरस्वती की पूजा विधि पूर्वक करनी चाहिए। मां को वाद्य यंत्र और पुस्तकें आदि अर्पित करनी चाहिए।



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