
जबलपुर। मां नर्मदा के पावन जल को प्रदूषित कर रहे गंदे नाले, नालियों को लेकर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि नर्मदा में नाले नालियों की गंदगी मिलना इस देश के लिए घातक है। इस बड़ी कमजोरी को जल्द दूर करना होगा। स्वामी स्वरूपानंद ने स्थानीय प्रशासन को इस गंदगी के लिए जिम्मेदार ठहराया। जबलपुर प्रवास में बगलामुखी सिद्ध पीठ पहुंचे शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने एक विशेष चर्चा के दौरान कहा कि नर्मदा की सहयोगी हिरण नदी से भी गंदा पानी नर्मदा में मिल रहा है। शहरी क्षेत्रों में भी नालियों का पानी रोकने का कोई उपाय नहीं किया जा रहा है।
इसके लिए सरकार के साथ स्थानीय प्रशासन को भी अपनी जवाबदारी समझनी चाहिए। शंकराचार्य ने कहा कि नर्मदा को हम मां मानते हैं, और हर व्यक्ति अपनी आस्था व्यक्त करता है। इस लिहाज से मां के साथ यह बदसलूकी उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन को क्षेत्रीयजनों की जन-आस्था का सम्मान करना चाहिए और नर्मदा में मिल रहे गंदे नाले नालियों को तत्काल प्रभाव से प्रयास कर रोका जाना चाहिए। बगलामुखी मठ में भक्तों ने महाराजश्री का पादुका पूजन किया। इसके बाद वे जबलपुर से कटनी के लिए रवाना हुए। इस अवसर पर शंकराचार्य के निजी सचिव ब्रह्मचारी सुबुद्घानंद, ब्रह्मचारी चैतन्यानंद, डॉ दीपक बहरानी, डॉ अश्विनी पाठक, भारत सिंह यादव, वीके पटेल, मधु यादव, मनोज सेन, बृजेश दुबे, तुलसी अवस्थी, आशुतोष दीक्षित, अरविंद मिश्रा, शारदानंद द्विवेदी उपस्थित थे।
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