
जबलपुर. माघ मास की अमावस्या यानी 11 फरवरी को एक-दो नहीं छह ग्रह बना रहे हैं विशिष्ट योग। इसकी शुरूआत हो चुकी है। ज्योतिषियों के मुताबिक बुध, गुरु, शुक्र और शनि के साथ ही सूर्य का मकर राशि में एक साथ जुट रहे हैं। वैसे शुक्र, बुध, सूर्य, गुरु और शनि तो माध मास की एकादशी तिथि से ही मकर राशि में रहे, 10 फरवरी को मध्य रात्रि के बाद एक बजे से अमावस्या तिथि लगने के साथ चंद्रमा भी मकर राशि में आ गए।
ऐसे में माघ मास में श्रवण नक्षत्र में पडने वाली मौनी अमावस्या महिलाओं के लिए विशेष रूप से कल्याणकारी है। छह ग्रहों का एक राशि में एक साथ मिलन, महिला उत्थान के लिए वरदान सरीखा माना जा रहा है। ऐसा महायोग 56 साल बाद बन रहा है। हालांकि यह संयोग दोपहर 2:5 बजे तक ही रहा। लेकिन माना जा रहा है कि इसके दूरगामी परिणाम होंगे।
वैसे भी माघी अमावस्या के दिन किसी को अप्रिय न बोलने से मुनिपद की प्राप्त होती है। किसी के प्रति भूल से भई कटु वचन निकल न जाए इसी कारण से इस दिन मौन रखने को कहा गया है। यही कारण है कि इसका नाम ही मौनी अमावस्या पड़ा है।
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