बीएमएचआरसी के मामले पर हाई पावर कमेटी ने पेश की रिपोर्ट

जबलपुर. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के निर्देश के पालन में गठित हाई पावर कमेटी ने अपनी 16वीं रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश कर दी। रिपोर्ट में भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) के स्टाफ व सुविधाओं के बारे में अब तक उठाए गए कदमों की विस्तार से जानकारी दी गई। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर ले लिया। अगली सुनवाई 22 मार्च को होगी। भोपाल गैस पीडि़त महिला उद्योग संगठन व अन्य की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ के साथ राजेश चंद व जुबिन प्रसाद ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट ने विगत सुनवाई के दौरान भोपाल गैस त्रासदी पीडि़त मरीजों से चर्चा करके जमीनी व ठोस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। बीएमएचआरसी में उपलब्ध स्टाफ व कमी के बारे में भी जानकारी तलब की गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से मानिटरिंग कमेटी द्वारा लंबे समय से बीएमएचआरसी का निरीक्षण न किए जाने का मसला उठाया गया था। पिछले 10 माह से कोविड-19 के खतरे की वजह से जस्टिस वीके अग्रवाल की अध्यक्षता वाली मानिटरिंग कमेटी बीएमएचआरसी का निरीक्षण नहीं कर पाई है। केंद्र व राज्य शासन की ओर से जारी कोविड-19 गाइडलाइन का पालन किया गया है। हाईकोर्ट ने इस जानकारी को रिकॉर्ड पर लेने के साथ मानिटरिंग कमेटी व राज्य शासन को निर्देश दिया था कि इस बार बीएमएचआरसी में मेडिकल ऑफिसर, नर्सिंग स्टाफ व पैरोमेडिकल स्टाफ की संख्या व कमी को देखा जाए। आगामी रिपोर्ट में इसका हवाला हो। साथ ही बीएमएचआरसी में कितने गैस पीडि़त मरीज इलाज करा रहे हैं और उनकी बीएमएचआरसी की सुविधाओं के बारे में क्या राय है, इसका भी उल्लेख आवश्यक रूप से किया जाए। इसी निर्देश के पालन में गुरुवार को केंद्र सरकार की ओर से रिपोर्ट पेश की गई।



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