क्या सच में कोरोना का डर खत्म हो गया है?

 

जबलपुर। स्वास्थ्य विभाग के कई मौके देने के बाद भी जबलपुर जिले में 6207 स्वास्थ्य कर्मियों ने कोरोना टीका नहीं लगवाया। पहले चरण में छूट गए कर्मियों को आखिरी अवसर देते हुए लगातार दूसरे दिन मॉपअप राउंड चलाया गया। इसमें 2256 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन महज 501 कर्मचारी ही टीका लगवाने पहुंचे। यह लक्ष्य महज 22 प्रतिशत था। यह अभी तक के कोविड टीकाकरण की सबसे कम दर है। इसके साथ ही हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए कोविड वैक्सीनेशन का पहला चरण पूरा हो गया है। पहले चरण में कुल 74 प्रतिशत पंजीकृत हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर्स ने कोरोना टीका लगवाया है।
जिले में स्थिति
- 2256 हितग्राही को गुरुवार को टीका लगाया जाना था।
- 30 सेशन तय किए गए थे।
- 501 स्वास्थ्य कर्मियों ने गुरुवार को टीका लगवाया।
- 17 हजार 282 कुल कर्मियों को अभी तक टीका लगा।
- 23 हजार 276 कुल कर्मियों को टीका लगाया जाना था।
- 368 कुल सेशन टीकाकरण के पहले चरण में 11 दिन तक हुए।

दूसरे चरण के लिए रविवार तक पंजीयन
कोविड-19 वैक्सीनेशन का पहला चरण खत्म होने के साथ ही दूसरे चरण की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। दूसरे चरण में फं्रट लाइन वर्कर में पुलिस, राजस्व, पंचायत और नगर निगम कर्मियों को टीका लगाया जाना है। पुलिस, राजस्व और नगर निगम के कर्मचारियों को टीका लगाने के लिए पंजीयन हो चुका है। अभी पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों के पंजीयन की प्रक्रिया चल रही है। इनके 7 फरवरी तक ऑनलाइन पंजीयन होंगे। उसके अगले दिन से फ्रंट लाइन वर्कर को कोरोना टीका लगाए जाने का प्रस्ताव है। पहले चरण में सरकारी और निजी अस्पतालों के हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर्स को कोविड वैक्सीन की पहली डोज दी गई है। संसाधन और सुविधा की दृष्टि से निजी अस्पतालों में भी कोविड वैक्सीनेशन सेंटर बनाए थे। लेकिन फ्रंट लाइन वर्कर को टीका सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही लगाया जाएगा। दूसरे चरण में सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र ही वैक्सीनेशन सेंटर बनेंगे। सुविधा की दृष्टि से फ्रंट लाइन वर्कर से संबंधित संस्थान में चिकित्सा सुविधा होने पर ही वहां पर सेंटर बनाया जा सकेगा। इसमें पुलिस विभाग का अस्पताल सेंटर के लिए प्रस्तावित है।



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