
जबलपुर. हाईकोर्ट ने सागर कलेक्टर को कहा कि सागर के परकोटा वार्ड स्थित नगर निगम की जमीन पर हुए अतिक्रमण की जांच की जाए। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने कहा कि अतिक्रमण पाए जाने पर कलेक्टर उन्हें हटाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। अगली सुनवाई 15 फरवरी तक रिपोर्ट पेश करनी होगी। कोर्ट ने कलेक्टर के इस सम्बंध में जारी किए जाने वाले आदेश से प्रभावित होने वाले पक्ष को सक्षम अदालत के समक्ष जाने की स्वतंत्रता दी। सागर निवासी जगदीश प्रसाद तिवारी की ओर से जनहित याचिका दायर कर कहा गया कि सागर के परकोटा वार्ड में नगर निगम की 4400 वर्ग फीट जमीन पर अतिक्रमण है। अधिकारियों से सांठगांठ करके अतिक्रमणकारियों ने छलपूर्वक जमीन अपने नाम करवा ली। प्रधानमंत्री कार्यालय ने मई 2015 में नगरीय प्रशासन मंत्रालय को जांच का आदेश दिया। जबकि नगरीय प्रशासन मंत्रालय ने जांच के बाद पाया कि नगर निगम की जमीन पर अतिक्रमण किया गया है। रिपोर्ट में नगर निगम की जमीन को अतिक्रमणकारियों के नाम कराने वाले नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अधिवक्ता संजीव चंसोरिया ने तर्क दिया कि इस मामले में नगर निगम आयुक्त और कलेक्टर से कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। कोर्ट ने 6 अक्टूबर 2020 को सागर कलेक्टर को निर्देश दिये थे कि नगर निगम की जमीन पर अतिक्रमण की जांच करने और अतिक्रमण पाए जाने पर हटाने की कार्रवाई की जाए। इस आदेश के परिप्रेक्ष्य में सागर कलेक्टर की ओर से रिपोर्ट पेश कर कहा गया कि केवल 450 वर्गफीट पर अतिक्रमण है। इस पर कोर्ट ने असंतोष जताया।
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