
जबलपुर। आशियाने के सपने पर निर्माण सामग्री के बढ़ते दाम रोड़ा अटका रहे हैं। लोहा, रेत, ईंट, सीमेंट की कीमत चार महीने में तेजी से बढ़ी है। निर्माण सामग्री के आसमान छूते दामों के कारण निर्माण लागत बढ़ गई है। इससे आम आदमी के भवन निर्माण से लेकर रीयल एस्टेट सेक्टर का काम अटक रहा है। किसी ने दीवार बनाने के बाद लेंटर का काम अधूरा छोड़ दिया है तो कोई दीवारों का प्लास्टर नहीं करा पा रहा है। जिन मकानों में बाकी काम हो गए हैं उनमें फिनिशिंग का काम अटक गया है। कीमत बढ़ जाने के कारण बजट बिगड़ जाने से कोई उधार लेकर निर्माण कार्य करा रहा है।
महंगाई का असर- घर निर्माण से लेकर रीयल एस्टेट कारोबार पर असर
आसमान छू रहे निर्माण सामग्री के दाम
दीपावली के बाद बढ़े दाम
निर्माण सामग्री के दाम दीपावली के पहले तक स्थिर थे। त्यौहारी सीजन के बाद निर्माण सामग्री की क ीमत बढऩा शुरू हुईं तो बढ़ती ही गईं। निर्माण सामग्री की कीमतें बढऩे का सबसे ज्यादा असर घर बना रहे मध्यवर्गीय लोगों पर पड़ा है। पहले से कोरोना संकट की मार झेल रहे लोगों के लिए बढ़ी हुई कीमत के अनुसार फं ड जुटाना मुश्किल हो रहा है।

निर्माण लागत पर सीधा असर
तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार निर्माण सामग्री की कीमत बढऩे का सीधा असर निर्माण लागत पर पड़ा है। निर्माण लागत 11 सौ रुपए प्रति वर्गफीट थी जो बढकऱ 12 सौ रुपए प्रति वर्गफीट के लगभग हो गई है।
चार महीनों के दौरान निर्माण सामग्री के दाम तेजी से बढ़े हैं, इसका सीधा असर निर्माण कार्य पर पड़ रहा है। निर्माण लागत बढ़ गई है। लोगों के भवनों से लेकर रीयल एस्टेट के प्रोजेक्ट्स पर असर है।
- धीरेश खरे, अध्यक्ष, क्रे डाई जबलपुर
निर्माण सामग्री की कीमत बढऩे से लागत भी बढ़ रही है, इसके कारण निर्माण लागत बढ़ी है। इससे लोगों का बजट बिगड़ रहा है भवनों के निर्माण कार्य अटक रहे हैं।
- इंजी.संजय वर्मा, टाउन प्लानर, स्ट्रक्चर इंजीनियर
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