
जबलपुर। कोरोना का संकट कम होने से जबलपुर जिले के आयकर विभाग के कर संग्रहण में सुधार हो गया है। मार्च 2020 में जब लॉकडाउन शुरू हुआ था तो आर्थिक गतिविधियां ठप थी। ऐसे में कर संग्रहण प्रभावित हुआ। प्रधान आयकर आयुक्त कार्यालय की स्थिति पहली तिमाही में बेहद खराब थी। मात्र सवा 2 सौ करोड़ रुपए कर संग्रह हुआ था। अब गतिविधियां प्रारंभ होने से स्थिति सुधरी हैं। दिसंबर में खत्म हुई तीसरी तिमाही में लगभग 1270 करोड़ रुपए का कर संग्रह किया गया। प्रधान आयकर आयुक्त कार्यालय को वित्तीय वर्ष 2020-21 में करीब 6 हजार 967 करोड़ रुपए का लक्ष्य मिला है। यहां पर दो प्रधान आयकर आयुक्त के दो प्रभार हैं। एक और दो। प्रभार दो में सबसे ज्यादा कर संग्रहण किया जाता है। जब लक्ष्य मिला तब ऐसी कल्पना किसी ने नहीं की थी कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए इतना लंबा लॉकडाउन लगाया जाएगा। हालांकि फेसलेस असिस्मेंट की नई व्यवस्था के कारण पद और कार्यक्षेत्र संबंधी बदलाव भी हुए हैं।
पहले तीन महीने निराशाजनक
आयकर विभाग में हर तिमाही टैक्स जमा होता है। उसी आधार पर उसकी गणना होती है। पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून तक कर संग्रहण बेहद कम था। यह करीब 223 करोड़ रुपए था। प्रधान आयकर आयुक्त कार्यालय के प्रभार में तो यह ऋणात्मक हो गया था। लेकिन अब स्थिति में सुधार आया है। आर्थिक गतिविधियां पटरी पर आ रही हैं। उद्योग धंधे शुरू हो चुके हैं। इसी प्रकार विवाद से विश्वास स्कीम के तहत आए राजस्व से भी स्थिति सुधरी है। तीसरी तिमाही में करीब 1 हजार 270 करोड़ रुपए का कर संग्रहण हुआ। हाल में प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ आरके पालीवाल जबलपुर प्रवास पर आए थे, तब उन्होंने तीसरी तिमाही के आंकड़ों को उत्साहजनक बताया था। प्रधान आयकर आयुक्त कार्यालय के अंतर्गत आने वाले करीब 18 जिलों में 6 लाख 80 हजार से ज्यादा करदाता हैं। अनुमान के अनुसार जबलपुर जिले के करदाताओं की संख्या सवा लाख से ज्यादा है। पिछले वित्तीय वर्ष यानि 2019-20 में आयुक्तालय ने रिकॉर्ड 5 हजार 430 करोड़ रुपए का कर संग्रहीत किया था। इसी आधार पर वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए लक्ष्य तय किया गया था।
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