‘तेवड़ा मुक्त किया जाए चना उपार्जन’

पाटन। मध्यप्रदेश शासन की ओर से किसानों के आर्थिक लाभ हेतु चने की फसल का समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया जाना है। इसी सम्बंध में उप संचालक कृषि ने अनुविभागीय अधिकारी कृषि पाटन के अमले को निर्देशित किया है कि चने की फसल की उत्तम गुणवत्ता निश्चित करने के लिए किसानों को जागरूक करने प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
पाटन में 6180 हैक्टेयर और शहपुरा में 13630 हैक्टेयर में चने की फसल है। चने का उपार्जन नैफेट संस्था द्वारा किया जाता है। पिछले वर्ष देखा गया कि चने के साथ तेवड़ा आ जाने से फसल की गुणवत्ता खत्म हो जाती है।
इसके नियंत्रण के लिए बुधवार को ग्राम इमलिया, पोंड़ी, राजघाट, सकरा, घटेरा, कैमोरी के खेतों में पहुंचकर फसल का अवलोकन कर तेवड़ा को निदाई कर नष्ट करने की समझाइस दी गई, ताकि खरीदी में समस्या न हो। इस दौरान अनुविभागीय अधिकारी कृषि डॉ. इंद्रा त्रिपाठी, वरिष्ट कृषि अधिकारी श्रीकांत यादव, जेपी त्रिपाठी, रजनीश दुबे, आर वर्मा उपस्थित थे।

जिले में दो हजार 440 किसानों ने कराया पंजीयन
समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीदी के लिए जिले में अब तक 2 हजार 440 किसानों ने अपना पंजीयन कराया है।
गेंहू के पंजीयन के अलावा 88 किसानों ने चना, 15 किसानों ने मसूर और 5 किसानों ने सरसों का समर्थन मूल्य पर विक्रय करने भी अपना पंजीयन कराया है। जिला सूचना विज्ञान केंद्र अधिकारी आशीष शुक्ला के मुताबिक जबलपुर जिले में किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए गेंहू, चना, सरसों और मसूर के पंजीयन के लिए समिति स्तर पर 63 केंद्र स्थापित किए गए हैं।
इन केन्द्रों के अलावा किसान मोबाइल एप एवं ई-उपार्जन पोर्टल पर भी अपना ऑनलाइन पंजीयन करा सकते हैं। किसानों के पंजीयन की यह प्रक्रिया 20 फ रवरी तक जारी रहेगी।



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