
जबलपुर। मां नर्मदा का जन्मोत्सव मनाने के बाद श्रद्धालु पूजन सामग्री, पॉलीथिन, डिस्पोजल, दोने-पत्तल तटों पर ही छोड़ गए। ग्वारीघाट और तिलवाराघाट में शुक्रवार रात और शनिवार को दिन में सफाई कराई गई। इसमें सामान्य दिनों के मुकाबले सात गुना ज्यादा 21 टन कचरा निकला। नर्मदा के प्रवाह क्षेत्र से नावों से फूल-माला व अन्य सामग्री निकाली गई। पूजन सामग्री व कचरा एकत्र करने के लिए तटों और भंडारा स्थलों पर डस्टबिन रखवाई गई थीं। लेकिन, कहीं भी इनका उपयोग नहीं हुआ।
कार्यक्रम स्थलों पर चारों ओर दोना-पत्तलों का ढेर लगा था। नर्मदा जयंती पर ग्वारीघाट और तिलवाराघाट मार्ग पर भंडारों का आयोजन किया गया था। दोनों मार्गों पर भंडारा स्थलों के आसपास दोना-पत्तल, डिस्पोजल के ढेर लगे थे। कुं ड में प्रतिमाओं का विसर्जन- शहर में कई स्थानों पर नर्मदा प्रतिमा स्थापित की गई थीं। इन प्रतिमाओं को ग्वारीघाट और तिलवाराघाट में बने विसर्जन कुंड में विसर्जित किया गया। तिलवारा स्थित कुं ड में 14 नर्मदा प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ।
ग्वारीघाट और तिलवारा घाट में शिफ्टवार अतिरिक्त सफाई कर्मियों की तैनाती की गई थी। तटों पर रात और दूसरे दिन भी सफाई कराई गई। दोनों तटों से 21 टन से ज्यादा कचरा निकला।
- भूपेंद्र सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम
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