
जबलपुर। रसोई में उपयोग होने वाले खाद्य तेल, चावल, प्याज और रसोई गैस की तरह कई ऐसी चीजें हैं जिनमें दाम आसमान पर पहुंच रहे हैं। ऐसे में आम आदमी को घर चलाना मुश्किल हो रहा है। लगातार चीजें महंगी होती जा रही हैं। स्थिति यह है कि खाद्य तेल के दाम जो कई महीनों तक स्थिर रहते थे, उसमें दो से चार दिन में 150 से 200 रुपए तक का अंतर आ रहा है। चावल के दाम भी 5 से 6 रुपए तक तेज हो गए हैं। रसोई गैस का एक सिलेंडर पहले ही 700 रुपए में मिल रहा है।लोगों के घर का बजट बिगड़ गया है। कोरोना के लॉकडाउन को हटे हुए महीनों बीत चुके हैं। हर चीज का उत्पादन भी लगभग पटरी पर आ चुका है। ऐसे में अब दैनिक उपयोग खासकर खाद्य सामग्री की ऐसी कमी नहीं है। लेकिन लगातार महंगाई ने सीमित आय वालों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। तेल की कीमतें बढऩे से बाजार में खाने-पीने की चीजों के दामों में अंतर आ गया है।

तेल की 2 हजार रुपए तक कीमत
सोयाबीन तेल, सरसो तेल, मंूगफली तेल और सूरजमुखी के तेल महंगे हो गए हैं। लॉकडाउन के पहले तक सोयाबीन का 15 किग्रा का कंटेनर 12 से 14 रुपए के बीच था, वह 21 सौ रुपए तक पहुंच गया है। करीब एक महीने पहले तक वह 18 सौ रुपए तक था, लेकिन बीते करीब एक सप्ताह में कीमत 21 सौ रुपए तक पहुंच गई। वहीं लीटर में तेज 125 रुपए तक बिक रहा है। जबकि कुछ समय पहले यह 105 से 110 रुपए था। इसी प्रकार सरसो तेल 140, मूंगफली 160, राइस ब्रांड 140 और सूरजमुखी का तेल भी 140 रुपए लीटर तक पहुंच गया है। अनाज एवं तेल व्यापारी सौरभ साहू ने बताया कि तेलों की कीमतों में तेजी आई है। इसका सीधा प्रभाव ग्राहकी पर पड़ा है।
पेट्रोल और डीजल फिर तेज
वाहनों के ईंधन में भी आग लगी हुई है। पेट्रोल 94 रुपए 53 पैसे और डीजल 84 रुपए 85 पैसे लीटर हो गया है। बीते कुछ महीनों में यह अभी तक सबसे ऊंची कीमत है। ऐसे में लोगों को एक लीटर ईंधन भरवाने के लिए 100 रुपए तो देने पड़ते हैं। जबकि पिछले जून के महीनें में पेट्रोल 77.58 तो डीजल 68.31 रुपए लीटर बिक रहा था।
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