
जबलपुर। सर्दियों में पाचन क्षमता एवं शारीरिक बल अधिक होता है, इसलिए इस मौसम के अनुसार की भोजन किया जाना अच्छा होता है। इससे ना सिर्फ हैल्दी रहेंगे, वहीं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। इसके साथ ही कोविड-19 जैसे संक्रमण से बचाव भी होगा। बात करें यदि आयुर्वेद की तो इसके अनुसार मौसम को 6 भागों में बांटा गया है, जिन्हे आयुर्वेद में ऋतुचर्या शब्द से बताया है। ऋतुचर्या... जैसा नाम से ही स्पष्ट है कि ऋतु के आधार पर किस तरह से दिनचर्या होनी चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार शीत ऋतु में मनुष्य का शारीरिक बल स्वाभाविक रूप से अधिक होता है और वातावरण में शीतलता होने के कारण शरीर की उष्मा बाहर न निकलकर भीतर चली जाती है और अन्न के पाचन के लिए आवश्यक अग्नि (जठराग्नि) को प्रबल कर देती है। अग्नि प्रबल होने के कारण पाचन की क्रिया भी उत्तम रहती हैं।

जमकर खाने का सीजन
आयुर्वेद कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. पंकज मिश्रा बताते हैं कि यह सीजन जमकर खाने का होता है। सीजन में विशेषकर मीठा और खट्टा खाना चाहिए। तेल, घी से बनी हुई चीजें भी पाच्य योग्य होती हैं। इसलिए लड्डू, हलवा, मिठाइंया और पकौड़ों से भी परहेज नहीं करना चाहिए। चावल, गेहंू, पिठी, उड़द दाल, तेल, घृत आदि का सेवन करना चाहिए। गुड़ लड्डू, गुड़ पट्टी आदि का सेवन करना चाहिए। दही, मलाई, रबडी, छैना, पनीर खाना भी अच्छा होता है। वर्कआउट पर भी फोकस सर्दियों में सूर्योदय के बाद ही टहलने जाना चाहिए। सूर्य की किरणों को आवश्यकता के अनुसार ही लेना चाहिए। कोल्डड्रिंक्स, आइसक्रीम को अवाइड करना ही बेहतर होगा।
सब्जियों पर प्यार लुटाएं
एक्सपर्ट का कहना है कि मैथी, पालक, आलू, मूली, मटर, निम्बू, गाजर, गोभी, मशरूम, चने की भाजी, लहसुन, प्याज, अदरक का सेवन इस मौसम अच्छा होता है। इन्हें डाइट में अधिक शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही संतरा, अनार, मुसंबी, आंवला, अमरूद, शकरकंद आदि खाना चाहिए।
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