
जबलपुर. कोरोना वैक्सीन को लेकर चल रही राजनीति और उसके प्रचार प्रसार ने लोगों को वैक्सीनेशन को लेकर लोगों को डरा दिया है। यहां तक कि स्वास्थ्यकर्मियों में भी इसे लेकर खौफ है। वो पहले चरण के वैक्सीनेशन के तैयार नहीं। उनका कहना है कि दूसरों पर वैक्सीन के प्रभाव को देखने के बाद ही खुद वैक्सीन लगवाएंगे। ऐसा ही एक उदाहरण शुक्रवार को ड्राई रन के दौरान विक्टोरिया जिला अस्पताल में देखने को मिला।
विक्टोरिया जिला अस्पताल सेंटर में पहुंची एक महिला स्वास्थ्यकर्मी विनीता विलियम्स ने ड्राई रन में हिस्सा लेने से साफ इंकार कर दिया। ड्राई रन के तहत वैक्सीनेशन रूम में जैसे ही नर्स ने इंजेक्शन निकाला, विनीता कुर्सी छोड़कर खड़ी हो गई। उसने डेमो वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में शामिल होने से मना कर दिया। बोली कि वैक्सीन के प्रभाव को लेकर तरह-तरह बातें सुनने में आ रही हैं। ऐसे में जब तक अन्य लोगों पर इस वैक्सीन का असर की जानकारी नहीं हो जाती वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। कहा कि मुझे मैसेज मिला तो लगा कि प्रशिक्षण है, इसी कारण चली आई। अस्पताल में मौजूद चिकित्सा अधिकारियों ने समझाने का बहुत प्रयत्न किया लेकिन वह नहीं मानी। चिकित्सा अधिकारी अब उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात कहे रहे हैं।
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बताया जा रहा है कि एल्गिन महिला जिला अस्पताल परिसर में बने एलडीसी नर्सिंग कॉलेज में तैनात ट्रेनिंग टीचर विनीता विलियम्स को ड्राई रन में शामिल होने का मैसेज मिला था। विनीता के मुताबिक उसने मैसेज देखकर समझा कि कोविड वैक्सीनेशन को लेकर कोई ट्रेनिंग है। मेरे दो बच्चे हैं। मुझे अभी वैक्सीन नहीं लगवानी।
विनीता ने मौके से ही पति को फोन लगाया और बोली, यहां वैक्सीन लगा रहे हैं। वहां मौजूद आरएमओ डॉक्टर संजय जैन ने समझाया भी कि अभी डेमो चल रहा है। वैक्सीन नहीं लगाई जा रही। इंजेक्शन लगाने का सिर्फ दिखावा किया जा रहा है, लेकिन वह सुनने को तैयार ही नहीं थी। वह बोली मुझे जल्दी जाना है। एल्गिन में उसकी ड्यूटी है। अब एल्गिन महिला अस्पताल के डॉक्टर संजय मिश्रा, अब सीएमएचओ से उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति करने वाले हैं।
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