'तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं, ये दावा किताबी है

 

जबलपुर। 'तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं, ये दावा किताबी हैÓ। ये पंक्तियां सामाजिक, राजनीतिक मुद्दों को शब्द देने वाले कवि अदम गोंडवी की हैं। उन्होंने राजनीतिक माहौल पर इन शब्दों को बहुत पहले कहा था। लेकिन, लगभग देशभर का राजनीतिक माहौल आज भी ऐसे है। हाल ही में मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करोड़ों के विकास कार्यों की घोषण की। अगले ही दिन बीच शहर के एक सीवर में पूरा डम्पर समा गया। इस तस्वीर ने लोगों को यह कहने को मजबूर कर दिया कि सच में आंकड़े झूठे हैं, दावे किताबी हैं। शिवराज सिंह की बैठके के अगले दिन पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी जबलपुर पहुंचे। उन्होंने भी वर्तमान सरकार पर आरोपों का ठीकरा फोड़ दिया। लेकिन, उनकी बातें भी आम जनता के गले नहीं उतरीं। लोगों ने उनके कार्यकाल की याद दिलाई। बताया किस तरह प्रदेश भर की सड़कें वाहनों की कब्रगाह बन गई थीं। बिजली ने किस तरह खून के आंसू रुलाए थे।

फिलहाल दिग्विजय ङ्क्षसह ने कहा कि 'दलितों के यहां नाश्ता करना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का दिखावा है। प्रदेश सरकार दलितों पर अत्याचार कर रही है। हमारी सरकार के समय अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के लोगों को आवासीय पट्टे दिए गए थे, उनमें से 70 फीसदी को सरकार ने निरस्त कर दिया है या उन्हें बड़े लोगों ने खरीद लिया है। माफिया विरोधी अभियान में कांग्रेसियों को निशाना बनाया जा रहा है। भाजपा नेता कॉलोनी काट रहे हैं।Ó उन्होंने कहा कि सीएम कई मंचों पर प्रदेश के माफिया, गुंडा और बदमाशों को तबाह करने वाला बयान देते हैं। संविधान में किसी मुख्यमंत्री के पास यह शक्तियां नहीं हैं।



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