
जबलपुर . मप्र हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल रजिस्ट्रार चंद्रकांता की नियुक्ति को चुनौती के मसले पर राज्य सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी किए। जस्टिस विशाल धगट की सिंगल बेंच ने सभी से इस सम्बंध में जवाब मांगा। मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल की पूर्व रजिस्ट्रार जयंती की ओर से अधिवक्ता परितोष गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता सीहोर में पदस्थ थी। उसे 30 जुलाई 2019 को प्रतिनियुक्ति पर मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार बनाया गया था। लेकिन 3 सितंबर, 2020 को उसे वापस सीहोर भेजते हुए उसके स्थान पर चंद्रकांता को मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार बना दिया गया।तर्क दिया गया कि चंद्रकांता पूर्व में दतिया के नर्सिंग कॉलेज में प्राचार्य बतौर पदस्थ थी। उस दौरान कई अनियमितताएं सामने आईं। इस वजह से उनका भविष्य खतरे में आ गया। संबंधित कॉलेज की मान्यता भी प्रभावित हुई। मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल की वर्तमान रजिस्ट्रार चंद्रकांता के खिलाफ पूर्व में शिकायत मिलने पर कलेक्टर, सीएमएचओ व एसडीएम ने जांच करवाई थी। जिसमें दोषी पाए जाने पर दतिया से अशोक नगर ट्रांसफर कर दिया गया था। लेकिन कुछ समय बाद ही स्वास्थ्य मंत्री की टीप के आधार पर ट्रांसफर निरस्त कर दिया गया। महज चेतावनी देकर वापस दतिया नर्सिंग कॉलेज में प्राचार्य फिर मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल का रजिस्ट्रार बना दिया गया। पूरा मामला राजनीतिक दबाव से संबंधित है। चंद्रकांता में प्रशासनिक क्षमता का अभाव है। मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल का रजिस्ट्रार जैसा अपेक्षाकृत महत्वपूर्ण पद उन्हें सौंपना अनुचित है। प्रतिनियुक्ति पर दो वर्ष के लिए की गई यह नियुक्ति चुनौती के योग्य है। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
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