
जबलपुर। मिठास के लिए प्रसिद्ध जबलपुर का हरा मटर न केवल देश, बल्कि विदेशों में भी लोगों की रसोई तक पहुंच रहा है। फ्रोजन के रूप में जापान और सिंगापुर जैसी जगहों पर निर्यात किया जाता है। वहां के प्रसिद्ध होटलों एवं घरों में इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है। कुछ अन्य देशों में भी इसका स्वाद बताने के लिए निर्यात की योजना जिला प्रशासन बना रहा है। सीजन में करीब सभी घरों में एक-दो दिन छोडकऱ मटर की सब्जी तथा व्यंजन बनाए जाते हैं। नवम्बर से फरवरी तक खेतों से कई टन हरा मटर शहर की कृषि उपज मंडी एवं सहजपुर मंडी में पहुंचता है। यहां से अन्य शहरों में चला जाता है।
हर साल सवा दो लाख मीट्रिक टन का उत्पादन

8 से 10 हजार क्विंटल की आवक
जिले में पाटन, शहपुरा और मझौली विकासखंडों में मटर की सर्वाधिक पैदावार होती है। सहजपुर और मुख्य मंडी में रोजाना 8 से 10 हजार क्विंटल मटर की आवक हो रही है। इसमें 3 से 4 हजार क्विंटल की प्रतिदिन की खपत तो अकेले शहर में होती है।
कई तरह के फायदे
मटर का उपयोग न केवल सब्जी में किया जा सकता है बल्कि कई रोगों को दूर करने में यह सहायक होता है। जानकारों ने बताया कि डायबिटीज, कुष्ठ रोग, चेचक में यह लाभकारी होता है। यह कैंसर जैसी बीमारी को कम करने में सहायक है। खून के विकार, शरीर की जलन, सांस के रोग, भूख की कमी को दूर करने में भी फायदेमंद है।
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