
लाली कोष्टा, जबलपुर। उसको खेलना बहुत पसंद हैं, जब जहां जैसा मौका मिलता है वो खेलना शुरू कर देता है। इसे उसकी खेलने की सनक कहें या जुनून हर जगह उसने अपने आप को सिद्ध किया है। आधा दर्जन अलग अलग गेमों में वो मैदान मार चुका है। वर्तमान में नेशनल चैम्पियनशिप जीतकर आया है। जी हां. हम बात कर रहे हैं जबलपुर निवासी आयुष कोष्टा की। जो कि एक मल्टीगेम प्लेयर है। क्रिकेट, साइकलिंग से लेकर एथलीट और डॉज बॉल, बोट रेस में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता खेल चुके हैं।
जिंदगी के गेम में बस जीतना है....
आयुष कोष्टा महज 18 साल का है। आयुष बताता है कि वो जब 8 वीं कक्षा में था, तब स्टेट लेबल पर साइकलिंग की ट्रायल देने गया था। जिसमें एक मिनी सैकेंड से चूकने पर उसका सिलेक्शन नहीं हो पाया था। फिर भी दोस्त से साइकिल लेकर उसने प्रैक्टिस जारी रखी। इसी बीच क्रिकेट में रुचि लेकर खेला, जिससे उसका जबलपुर की डिस्टिक टीम में हो गया। क्रिकेट में आयुष ने डिस्ट्रिक लेबल खेलकर चयनकर्ताओं को प्रभावित किया। परफॉमेंस अच्छा होने पर स्टेट लेबल खेलने का मौका मिला। डॉज बॉल, ड्रॉप रो बॉल में अपने को आजमाया और मेडल जीते। अब माउंटनिंग की ट्रेनिंग भी ली है अमरकंटक में और वो जल्द ही ऊंची पहाड़ी चढऩे का सपना भी पूरा करने वाले हैं।

नेशनल चैम्पियनशिप जीती
साल 2020 में हरियाणा में यूथ गेम फेडरेशन सीनियर नेशनल चैम्पियनशिप 2020 का आयोजन हुआ। जिसमें आयुष व एक अन्य खिलाड़ी का प्रदेश से चयन हुआ। आयुष ने 29 दिसम्बर को हुई 200 मीटर रेस में गोल्ड मैडल जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया है। आयुष बताता है कि उसकी डॉज बॉल में सबसे ज्यादा रुचि है, लेकिन वहां मनचाहा प्रदर्शन नहीं हो पा रहा था तो ट्रेनर ने एथलेटिक में ध्यान देने कहा, चूंकि मेरी दौड़ अच्छी थी, तो इसे आजमाया और इसमें गोल्ड लेकर आया।
मैडल जीते
नेशनल एथलेटिक चैम्पियनशिप 2020 में 200 मीटर दौड़ में गोल्ड जीता
स्टेट लेबल डॉज बॉल गोल्ड 2017 में
ड्रॉप रो बॉल स्टेट लेबल सिल्वर 2018
डिस्ट्रीक और जिला स्तर पर 12 मेडल हैं
ये भी खेले
क्रिकेट खेला है स्टेट लेबल पर
साइकलिंग में स्टेट लेबर पर
बोट रेस नेशनल लेबल पर
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