
जबलपुर। सट्टा किंग बिरजू महेश्वरी लम्बे समय से सट्टे की खाईबाजी कर रहा था। रोजाना उसके यहां दो से ढाई करोड़ का सट्टा लिखा जाता था। पुलिस को भी एक माह पूर्व इसकी जानकारी लग गई थी, लेकिन एक माह बाद मंगलवार को पुलिस उस पर हाथ डाल पाई। पुलिस अब यह कहकर बच रही है कि वह ठिकाने बदलकर काम करता था। मंगलवार को सीएसपी दीपक मिश्रा, एएसआई संतराम समेत अन्य की टीम फ्लैट में पहुंची। पुलिस ने देखा कि वहां गोपाल सदन निवासी बिरजू महेश्वरी के कहने पर उसके गुर्गे न्यू शोभापुर निवासी शैलेंद्र तिवारी, पचपेढ़ी निवासी राजकुमार ठाकुर, एमईएस कॉलोनी निवासी विकास श्रीवास्तव, इंद्रा मार्केट पावर हाउस निवासी निवासी कमलेश यादव और ऋषि यादव, पीएनटी कॉलोनी विजय नगर निवासी अभिषेक मार्को, सदर निवासी आकाश ग्रोशर, रसल चौक निवासी सचिन डेटिया और अमित मिश्रा, सिंघई कॉलोनी निवासी मयंक बनारसी और धवल बनारसी, सदर निवासी अभिषेक पिल्ले, पाटबाबा के पीछे सिविल लाइंस निवासी सिद्धांत सिंह, बरगी निवासी सौरभ सिंह ठाकुर और रांझी बंगाली कॉलोनी निवासी अमित मलिक फोन पर सट्टा लिख रहे थे। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया।
बिरजू के धंधे की पुलिस को थी जानकारी, फिर भी कार्रवाई में लगे एक माह
आला अधिकारियों ने कबूला, रोजाना दो से ढ़ाई करोड़ की होती थी खाईबाजी
चार घंटे में 43 लाख का काम
पुलिस ने सटोरियों से पूछताछ की, तो उन्होंने उगला कि उनके पास की लिखा-पढ़ी महज चार घंटे की है। पुलिस को आशंका है कि रोजाना वहां दो से ढाई करोड़ का सट्टा लिखा जाता था। इसकी बिरजू खाईबाजी करता था।
आठ जिलों तक फैला नेटवर्क : कोतवाली सीएसपी दीपक मिश्रा ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि बिरजू महेश्वरी का धंधा शहर समेत नरसिंहपुर, कटनी, सिवनी, उमरिया, मंडला, दमोह और सतना तक फैला था। जानकारों की मानें, तो बिरजू की राजनीतिक पकड़ मजबूत है। इसके साथ ही शहर के कई रसूखदारों का करीबी है।
बिरजू महेश्वरी सट्टेबाज है, इसकी जानकारी एक माह पूर्व लग गई थी। वह ठिकाने बदल-बदल कर सट्टेबाजी करता था। बिरजू से जुड़े सभी सटोरियों का पता लगाया जा रहा है।
- अमित कुमार, एएसपी
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