जिला और कुटुंब अदालतों में दस माह बाद लौटी रौनक

जबलपुर. जबलपुर जिला व कुटुंब अदालत में सोमवार को दस महीनों बाद नियमित भौतिक सुनवाई शुरू हुई। नियमित सुनवाई के दौरान कोविड 19 की गाइड लाइन का सख्ती से पालन कराया गया। नियमित भौतिक सुनवाई शुरू होने के साथ ही अरसे बाद जिला अदालत के गलियारों में सोमवार को फिर से पूर्व जैसी चहलपहल और रौनक नजर आई।
24 मार्च, 2020 को लॉकडाउन के साथ ही जिला और कुटुंब अदालतों में भौतिक सुनवाई बंद कर दी गई थी। इस दौरान वीसी के जरिए अर्जेंट मामलों की सुनवाई हो रही थी। अधिवक्ता संघों की मांग पर 23 नवंबर, 2020 से जिला और कुटुंब अदालतों में एक दिन छोड़ एक दिन प्रायोगिक तौर पर नियमित सुनवाई शुरू की गई है। जिला और कुटुंब अदालतों में 14 दिसंबर 2020 से प्रायोगिक तौर सीमित प्रकरणों की भौतिक सुनवाई शुरू की गई थी।
कोर्ट रूम कराया गया सेनेटाइज
गाइड लाइन के अनुसार कोर्ट रूम में 10 से अधिक व्यक्तियों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई । 65 वर्ष से अधिक आयु वाले अधिवक्ताओं और पक्षकारों को अदालत में भौतिक उपस्थिति से छूट प्रदान की गई।
हाईकोर्ट की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार नियमित सुनवाई के नोट-शीट पर अधिवक्ताओं और पक्षकारों के हस्ताक्षर नहीं कराए गए। सुनवाई के लिए कोर्ट रूम में प्लास्टिक-शीट लगाई गई। अधिवक्ताओं और पक्षकारों ने मास्क लगाने के साथ शारीरिक दूरी का पालन किया। सुनवाई आरम्भ करने के पूर्व सुबह कोर्ट परिसर को सैनीटाइज कराया गया।
तापमान अधिक होने पर नहीं मिला प्रवेश
गेट पर चेकिंग के दौरान जिसके शरीर का तापमान सामान्य से अधिक रहा, उसे अदालत परिसर में प्रवेश नहीं दिया गया। कोर्ट परिसर में कैंटीन और फोटो कॉपी की दुकानें बंद रहीं। अदालत परिसर में सिर्फ उन अधिवक्ताओं और पक्षकारों को प्रवेश दिया गया जिनके प्रकरणों की सुनवाई होना है।
गाइड लाइन का कराया पालन
जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक, सचिव राजेश तिवारी व अन्य पदाधिकारियों ने सभी अधिवक्ताओं और पक्षकारों से कोरोना गाइड लाइन का पालन कराने के लिए उन्हें जागरूक किया। सुरक्षा व्यवस्था पर निगरानी भी रखी।



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