
जबलपुर। कहने को तो जबलपुर के पाटन क्षेत्र से विधायक अजय विश्नोई सत्ताधारी भाजपा के ही विधायक हैं। वे पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं। लेकिन, एक बार चुनाव हार क्या गए, उनका महत्व मानो पार्टी में कम हो गया है। जबसे कांग्रेस से चलकर भाजपा के हाथ में सत्ता आई है, तभी से विश्नोई लगातार अपनी गुस्से वाली बातें कह रहे हैं। लेकिन, ताज्जुब वाली बात है कि पार्टी उनकी बातों को गम्भीरता से नहीं ले रही है। महाकोशल का कोई अन्य विधायक या बड़ा नेता भी उनके साथ नहीं दिख रहा है। ऐसे में विपक्षी कांग्रेस को मजा लेने का मौका मिल गया है। उसके तमाम छुटभैये नेता तो कह रहे हैं कि अजय विश्नोई को दर्द अब भाजपा के लिए मायने नहीं रखता।
फिलहाल अजय विश्नोई ने हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ट्वीट कर जबलपुर व रीवा से किया गया वायदा निभाने की बात कही। विश्नोई ने शुक्रवार को एक के बाद एक दो ट्वीट किए। एक ट्वीट में उन्होंने जिलों में प्रभारी मंत्री नहीं होने की बात कही तो दूसरे ट्वीट में उन्होंने मुख्यमंत्री से चौथी वर्षगांठ पर वायदा निभाकर जबलपुर की जनता को उपहार देने की मांग कही।
पूर्व मंत्री अजय विश्नोई मंत्रिमंडल विस्तार के बाद से ही ट्वीट के माध्यम से अपनी नाराजगी जता चुके हैं। शुक्रवार को उन्होंने दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने मुख्यमंत्री को सम्बोधित करते हुए लिखा कि प्रदेश के सभी जिलों में अनेकों समस्याएं सरल समाधान के लिए प्रभारी मंत्री की बाट जोह रही हैं। इसके कुछ अंतराल बाद उन्होनें मुख्यमंत्री को सम्बोधित करते हुए दूसरा ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने सीएम से चौथी बार सीएम बनने की प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर प्रदेश के उपहार देने की मांग की। जिसमें वायदे के अनुसार जबलपुर एवं रीवा का प्रभार सीएम से ग्रहण करने की मांग की। गौरतलब है कि इससे पूर्व भी मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सीएम से विश्नोई ने यह मांग की थी। इधर, प्रदेश के मंत्रिमंडल विस्तार में जबलपुर और महाकोशल क्षेत्र को उपेक्षित किए जाने से संगठनों ने नाराजगी जताई है। उनका आरोप है कि सरकार इस क्षेत्र के साथ पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रही है। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के अध्यापक प्रकोष्ठ और आधुनिक शिक्षा मदरसा संचालक संघ ने कहा कि सरकार से जनता की मांग को अनसुना नहीं करे। अध्यापक प्रकोष्ठ के मुकेश ङ्क्षसह, नितिन अग्रवाल एवं गगन चौबे का कहना था कि जबलपुर और पूरा महाकोशल क्षेत्र कर्मचारी बहुल क्षेत्र है। ऐसे में यहां के लोगों के हक की आवाज कौन उठाएगा? श्याम नारायण तिवारी, प्रणव साहू, सुदेश पांडे एवं मनीष लोहिया ने कहा कि मंत्रिमंडल में जबलपुर को स्थान दिलाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। मदरसा संचालक संघ के असगर अंसारी, अब्दुल रसीद अंसारी, अली अकबर, मुईन मौलाना ने मुख्यमंत्री को ईमेल के माध्यम से पत्र भेजा है। इसमें कहा गया कि प्रदेश के गठन के उपरांत लगातार जबलपुर और महाकोशल को शासन में स्थान मिलता रहा है। सराफा एसोसिएशन का कहना है कि मालवा एवं विंध्य क्षेत्र को मंत्रिमंडल में पर्याप्त स्थान मिला है, लेकिन महाकोशल और खासकर जबलपुर को उपेक्षित किया जा रहा है। अध्यक्ष राजा सराफ एवं मंत्री अनूप अग्रवाल का कहना है कि मंत्रिमंडल में जगह मिलने की आवाज सीधे रूप से शासन तक पहुंच सकती है
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