
जबलपुर। जैन धर्म के सर्वोच्च्य धार्मिक अनुष्ठान पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोसव के समापन पर भव्य शोभायात्रा निकालने की परम्परा है, परन्तु वर्तमान समय एवं सोशल डीस्टेंसिंग के दिशानिर्देश अनुसार मंगलवार को पंचकल्याणक महोत्सव के समापन पर लघुमार्ग से श्री पिसनहारी मढिय़ाजी तीर्थ परिसर के अंदर ही शोभायात्रा निकाली गई। श्री पिसनहारी मढिय़ाजी तीर्थ परिसर से लघु परन्तु भव्य शोभायात्रा मुनि प्रमाण सागर महाराज, अरहसागर महाराज, आर्यिका रत्न दृढ़मति माताजी के ससंघ आशीर्वाद से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए श्री पिसनहारी मढिय़ाजी परिसर के अंदर ही शोभायात्रा
निकाली गई। नव निर्मित रजत रथ पर विराजमान पंचकल्याणक प्रतिष्ठित श्रीजी के साथ पंचकल्याणक के समस्त पात्र अपनी अपनी भेषभूषा में चल रहे थे। इस शोभायात्रा में श्री पिसनहारी मढिय़ा तीर्थ ट्रस्ट कमेटी, दिगम्बर जैन युवा महासंघ के सदस्य, नवयुवक सभा के सदस्य, नेमिनाथ जैन मंदिर सराफा के ट्रस्टी गण सहित सकल जैन समाज के श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।
पालकी पर पहुंचे जिनदेव
पाटन. पिसनहारी की मढिय़ा में सम्पन्न हुए पंच कल्याणक में पाटन जिन मंदिर की मुनि सुब्रतनाथ और मुनि नेमि नाथ भगवान की जिन प्रतिमा के पंच कल्याणक भी सम्पन्न होने के बाद जिन प्रतिमाओं का नगर आगमन हुआ। इस दौरान सिविल कोर्ट चौराहे पर भव्य अगवानी की गई। जिन प्रतिमाओं को पालकी पर विराजमान कर गाजे बाजे के साथ मंदिरजी ले जाया गया। जिन प्रतिमाओं के स्वागत में घरों और दुकानों के सामने रंगोली सजाई गई। जगह जगह आरती की गई। वहीं मंदिरजी पहुंचने पर पूरे विधि विधान के साथ भगवान का अभिषेक पूजन कर मंत्रोच्चार के साथ बेदी पर विराजमान किया गया। वहीं संध्याकाल में भगवान की संगीतमय आरती की गई। इसमें सकल दिगम्बर जैन समाज के साथ नगर के सम्मानीय नागरिक बंधु उपस्थित थे।
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