बर्ड फ्लू का आतंक! बरगी जलाशय में आए मेहमान पक्षियों पर भी विशेष नजर

 

जबलपुर। मप्र में इंदौर और मंदसौर में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद जबलपुर जिले में भी सतर्कता बरती जा रही है। पशु चिकित्सा विभाग ने बरगी जलाशय में आने वाले माइग्रेट पक्षियों पर नजर रखने के साथ उनके सैम्पल लेने के निर्देश जारी किए हैं। एक-दो दिन में इन पक्षियों के सैम्पल लेकर भोपाल स्थित हाई सिक्योरिटी लैब भेजे जाएंगे। उधर, पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने वन विभाग के अमले से ग्वारीघाट, लम्हेटाघाट में आए पक्षियों के बारे में जानकारी ली। अमले ने बताया कि नर्मदा तटों पर आने वाले पक्षी लोकल हैं। इसके बावजूद एहतियात के तौर पर उन पर भी नजर रखी जा रही है। उनके भी सैम्पल लिए जाएंगे। अधिकारियों के अनुसार जबलपुर जिला बर्ड फ्लू से सुरक्षित है। क्योंकि बरगी जलाशय में जांच में माइग्रेट पक्षियों की संख्या बेहद सीमित है। पोल्ट्री फार्म भी पूरी तरह सुरक्षित है। फिर भी यहां से भी कुछ सैंपल लिए जा रहे हैं। 'बर्ड फ्लू रोकने के लिए बनाएं नई एक्सपर्ट समिति
वर्ष 2006 में फैले बर्ड फ्लू को रोकने के लिए हाईकोर्ट ने एक्सपर्ट समिति का गठन करने और उसकी अनुशंसाओं का पालन करने के निर्देश दिए थे। इसी तर्ज पर वर्तमान में मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में फैल रहे बर्ड फ्लू को रोकने के लिए एक्सपर्ट समिति का गठन करने की आवश्यकता है। यह मांग करते हुए नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे ने पशुपालन मंत्रालय तथा स्वास्थ्य मंत्रालयों के प्रमुख सचिवों को कानूनी नोटिस भेजा है। इसमें कहा गया है कि यदि तीन-चार दिनों में एक्सपर्ट कमेटी का गठन नहीं हुआ तो न्यायालय की शरण ली जाएगी। वर्ष 2006 में फैले बर्ड फ्लू को रोकने के लिए दायर जनहित याचिका में मुख्य न्यायाधीश एके पटनायक तथा न्यायमूर्ति अजित सिंह के आदेश पर गठित समिति ने 11 मार्च 2006 को अनुशंसाएं प्रस्तुत की थीं। हाईकोर्ट ने 20 मार्च 2006 को निर्देश जारी कर उनका पालन करने के लिए कहा था।



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